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सप्तमी के दिन मंदिरों में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़, अष्टमी आज

वर्ष के बारहों महीने मां का दरबार सजता है. फरियादी अपनी फरियाद लेकर आते हैं.

हरनाटांड़. वर्ष के बारहों महीने मां का दरबार सजता है. फरियादी अपनी फरियाद लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई फरियादी निराश होकर नहीं लौटता. बता दें कि बिहार के इकलौता प. चंपारण स्थित वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष के मदनपुर प्रक्षेत्र के घने जंगल में स्थित शक्तिपीठ मदनपुर देवी मंदिर पर चैत्र नवरात्रि के सप्तमी को लेकर शुक्रवार को मां दुर्गा के मंगलकारी मंत्रों के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना किया. मदनपुर देवी स्थल पर उत्तर प्रदेश, नेपाल व बिहार के श्रद्धालु दर्शन कर माथा टेका और मन्नतें मांगे और गांव से लेकर मंदिर तक जय माता दी के जयकारे गूंजते रहे. पं. अंकित उपाध्याय व योगेश पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार नवरात्र के दौरान व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में अत्यधिक लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत रख मां की आराधना करते हैं उधर गोबरहिया देवी स्थान पर लगने वाले भूतों के मेले को लेकर भी श्रद्धालु भक्तों का आगमन हो हो रहा है. नवरात्रि से पूर्णिमा तक भूतों का मेला में दूर दराज के लोग पहुंचे है.

क्या है मंदिर की पौराणिक कथाएं

मां मदनपुर देवी पीठ के पुजारी ललन दास कहते हैं कि मां के दर्शन के लिए रात में बाघ आज भी पहुंचते है. लिहाजा देर रात यहां लोगों के प्रवेश पर रोक रहती है और वन विभाग कर्मचारियों के साथ पुलिस तैनात रहती है. पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि मदनपुर स्थान पर रहसू गुरु पुजारी बाघों से धान की दौनी कराते थे. इस चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकर राजा मदन सिंह खुद वहां पहुंचे और पुजारी से मां देवी के दर्शन की जिद करने लगे. कहा जाता है कि पुजारी रहसू गुरु ने राजा मदन को बार-बार चेतावनी दी थी कि मां के दर्शन की जिद छोड़ दें. क्योंकि इससे अनहोनी की आशंका है. राजा ने बात नहीं मानी तो देवी का एक हाथ पुजारी रहसू गुरु का सिर फाड़ते हुए बाहर निकल आया. वहीं पूरे इलाके में अंधेरा छा गया. जोर से बादल गर्जन के साथ धरती फट गयी और राजा मदन सिंह का पूरा राजमहल धरती में समा गया. कहा जाता है कि जब राजा मदन का विनाश हुआ तो उस समय रानी सती अपने मायके गयी हुई थी और वह गर्भ से थी. पूरे हादसे में वही एक मात्र बची थी. जिनकी संतानों से आज बड़गांव दरबार का वंशज कायम है. बड़गांव स्टेट की बहुरानी उर्फ अर्पणा सिंह खुद इन पौराणिक कथाओं से वाकिफ है.

मदनपुर देवी स्थान पर 15 वें विशाल भंडारे का आयोजन

मां जगदंबा सेवा मंडल बगहा द्वारा 15 वें नि:शुल्क विशाल भंडारे का आयोजन शुक्रवार को प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां मदनपुर माई स्थान परिसर में किया गया. जिसमें सेवा मंडल के सदस्यों द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जा रहा है. सेवा मंडल के सदस्यों द्वारा यह विशाल भंडारा का आयोजन में नि:शुल्क किया गया है. जिसमें श्रद्धालु के लिए प्रसाद में पूड़ी सब्जी, फल, शरबत, चाय, दवा का भी व्यवस्था की गयी है. साथ ही मुख्य रूप से प्रचार-प्रसार के व्यवस्था की गयी. जिसमें यूपी-बिहार से आने जाने वाली ट्रेनों की सूचना दिया जा रहा है.

सुरक्षा-व्यवस्था के लिए नौरंगिया पुलिस की हुई तैनातीमाता के दरबार में भक्तों का आना सुबह से शुरू हो गया है. माता का दर्शन करने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल से सैकड़ों की संख्या में भक्त आकर पूजा अर्चना के बाद मेला का लुत्फ उठा रहे हैं. वही नौरंगिया थाना के थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि मदनपुर देवी स्थान पर सुरक्षा-व्यवस्था के लिए पुलिस बलों की तैनाती की गयी है. देवी स्थान से दिल्ली कैंप तथा मदनपुर चौक तक लगातार गश्ती हो रही है. ताकि भक्तों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो. वही मदनपुर वन क्षेत्र के मदनपुर के वनपाल राजेश रोशन ने बताया कि देवी स्थान घने जंगलों में स्थित है. जिसको लेकर वन गश्ती दलों द्वारा नियमित गश्ती हो रही है. वन कर्मियों को जंगल के इर्द-गिर्द लगाया गया है.

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