बछवाड़ा. थाना क्षेत्र के कादराबाद पंचायत के मजोशडीह गांव में दो दिनों के अंदर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से पूरा इलाका सहमा हुआ है. बताते चलें कि 28 मार्च शुक्रवार के रात्रि में चाची शीलू देवी और भतीजी काजल कुमारी ने फांसी के फंदे से लटककर अपनी जान दे दी. ग्रामीणों ने बताया कि पारिवारिक कलह से परेशान होकर स्व राजेश सिंह की 21 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी ने गले में फंदा डालकर पंखे से लटक गयी. जिसे नीचे उतारकर आनन में चिकित्सक के पास ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया. जब काजल कुमारी के शव को लेकर लोग लौटते हैं और देखते हैं कि काजल कुमारी की चाची बालमुकुंद सिंह की 35 वर्षीय पत्नी शीलू देवी दूसरे कमरे में फंदे से लटकी हुई है. जिसे नीचे उतारा गया तो वह भी मृत थी. घटना के बाद परिजनों ने स्थानीय लोगों के सहयोग दोनों लाश को पोस्टमार्टम कराये बिना ही तेघड़ा थाना क्षेत्र के अयोध्या घाट में दाह संस्कार कर दिया. इस घटना की जानकारी मिलते ही बछवाड़ा थाने की पुलिस मृतक के घर पहुंचकर जांच पड़ताल कर परिजनों पर हत्या का दबाव बनाने लगी. पुलिस के भय से मृतक शीलू देवी के पति बालमुकुंद सिंह घर से फरार हो गये. पुलिस के द्वारा ग्रामीणों पर भी इस घटना में संलिप्त होने का दबाव बनाया जाने लगा और मृतक के घर पर दो चौकीदार को नजर रखने के लिए ड्यूटी पर लगा दिया. पुलिस की दबिश से परेशान ग्रामीणों ने 30 मार्च रविवार को रामलगन सिंह के लगभग 50 वर्षीय पुत्र बालमुकुंद सिंह को पुलिस के सामने कर दिया. पूछताछ के लिए पुलिस उन्हें थाना ले गयी. उस वक्त उनकी स्थिति ठीक थी. कुछ ही घंटों के बाद हालत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर परिजन और ग्रामीण थाने पर पहुंच गये और पुलिस के साथ इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाड़ा लाये. जहां से प्राथमिक उपचार कर समुचित उपचार के लिए सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में बालमुकुंद सिंह की मौत हो गयी. जिसके बाद उसका भी बगैर पोस्टमार्टम कराये ही दाह संस्कार कर दिया गया. कुछ लोग पुलिस की पिटाई से बालमुकुंद सिंह के मौत की बात बता रहे हैं. हालांकि पुलिस इससे इंकार कर रही है. क्या कहते हैं थानाध्यक्ष परिवार के दो लोगों की मौत की सूचना पर छानबीन करने पहुंचे, जहां बालमुकुंद से पूछताछ करने के क्रम में उनका स्थिति खराब देखते हुए बछवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. पुलिस द्वारा पिटाई का आरोप बेबुनियाद है. मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराने का कारण सामान्य मृत्यु है. मनोज कुमार सिंह, थानाध्यक्ष
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