बेगूसराय. नगर निगम क्षेत्र में 236.86 करोड़ की लागत से चल रही सीवरेज निर्माण योजना को धरातल पर उतरने का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. कोई भी योजना अगर औसतन निर्धारित समय पर पूरी हो जाती है तो लोगों के लिए बेहतर होता है. पिछले वर्ष भी आशा की गयी थी कि वर्ष 2024 तक लोग सीवरेज का लाभ उठाने लगेंगे. अब तो लोग एक बार फिर से आशंकित होने लगे हैं कि वर्ष 2025 में भी सीवरेज योजना धरातल पर उतरेगा अथवा नहीं. बार बार निर्माण एजेंसी को एक्सटेंशन दिया जा रहा है. शहरी इलाकों में 236. 86 करोड़ की लागत से चल रही सीवरेज निर्माण योजना का शिलान्यास वर्ष 2019 में की गयी थी. और विधिवत इस कार्य को बुडको द्वारा क्रियान्वयन 19 फरवरी से 2020 से शुरु कर दी गयी. सिवरेज नेटवर्क का कार्य 2022 के फरवरी तक पूरा करना लेना था. लेकिन लाकडाउन के कारण काम बाधित हो गया था. शहरवासी उक्त निर्धारित तिथि को सिवरेज का लाभ नही मिल सका. इसके बावजूद भी अक्टूबर 2022 तक सीवरेज कार्य पूरा कर लेने की संभावना बुडको के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों ने बताया था. इसके बावजूद विभिन्न कारणों से लगातार विलंब होता गया. फिर इसे पूरा करने की अवधि बढाकर मार्च 2023 कर दी गयी. परंतु सीवरेज का लाभ शहरवासियों को आज तक नही मिल सका है.शहर के विभिन्न छोटी गलियों व सड़कों के नीचे भूमिगत पाइप बिछाने का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. किंतु अभी तक जो स्थिति है. उससे लोगों के समक्ष यह चिंतायें उभर रही है कि वर्ष 2024 में तो सीवरेज कार्य पूरा नहीं ही हो पाया. क्या सीवरेज 2025 में भी सपना बन कर रह जायेगा. एक ओर विभाग का दावा है कि 2025 में सीवरेज योजना धारातल पर उतर जाएगी. वहीं विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें अभी भी कई तरह के तकनीकी लोचा है. शहर में भूमिगत पाइप विछाने का कार्य पूरा हो गया है.सीवरेज के लिए शहर में तीन इंटरमीडिएट पंप स्टेशन बनाये जा रहे हे हैंं. लोहियानगर स्थित रेशम विभाग परिसर में आठ एमएलडी का इंटरमीडिएट पंप स्टेशन का निर्माण लगभग तैयार है.वहीं पिपरा में नौ एमएलडी का पंप स्टेशन का निर्माण मोहल्ले वासियों के साथ मुआवजा विवाद के कारण अधर में लटका हुआ है .वाजितपुर में एसटीपी ट्रीटमेंट प्लांट के समीप 17 एमएलडी का पंपिंग स्टेशन का और एसटीपी निर्माण का कार्य अब पूरा हो चुका है. फिर भी दो-तीन लोचा अभी भी लगा हुआ है.एसटीपी से शुद्ध होकर निकलने वाले जल रिफाइनरी,फायर बिग्रेड या किसानों के खेत तक भेजा जायेगा यह स्पष्ट नहीं हो रहा है. अभी तक इस दिशा में कार्य संभव नहीं दिख रहा.विभागीय सूत्रों की मानें तो रिफांइड जल प्रबंधन के लिए कई वैकल्पिक व्यवस्था की अभी तक बात ही हो रही है.फिर कब तक विवादों में फंसे पिपरा पंप स्टेशन का निर्माण हो पाएगा यह बात भी स्पष्ट नहीं हैं.
शहरवासी झेल रहे मानसिक परेशानी
यदि कार्य स्वाभाविक गति से निष्पादित नही होगी तो एक बार फिर शहरवासी वर्ष 2025 में भी सीवरेज का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं. सीवरेज कार्य को धरातल पर उतरने में होने वाले विलंब से लोग काफी परेशान है. वैसे शहरवासी जिन्होंने वर्ष 2019 के बाद अपना मकान बनाया है. वैसे भवनों में शौचालय के मल व गंदे जल निकासी के लिये बड़ा टंकी का निर्माण नही कराया गया है. वैसे लोग इस आशा में रह गये थे कि शीघ्र ही सीवरेज कार्य करने लगेगा और मकान में बड़े टंकी की जगह छोटा चैंबर निर्माण कर देने से ही मल व गंदे जल की निकासी सीवरेज पाइप के जरिये हो जायेगी. परंतु लगातार विलंब से लोग परेशानी और मानसिक तनाव झेल रहें हैं.सीवरेज नेटवर्क से घरों के कनेक्शन के लिए इंतजार कर रहे लोग
सीवरेज का भूमिगत पाइप 98 किलोमीटर तक विछाना था,जिनमें कुछ पाइप पूर्व से ही विछाये गये थे.कार्य एजेंसी केवडिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 90.5 किलोमीटर सीवरेज का पाइप विछाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है.विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके बावजूद भी सीवरेज योजना को धारातल पर उतरने में समय लग सकता है.पहली बात यह कि अभी तक 11020 घरों को कनेक्शन करने का कार्य भी अभी बचा हुआ है. सीवरेज की 98 किमी पाइप के जरिये कुल 11020 घरों को जोड़ना है.उ न सभी घरों के मलमूत्र एवं घरेलू गंदा पानी पंप के सहारे सीवरेज संयत्र तक ले जा जायेगा. अभी तक सीवरेज के लगभग 10 हजार से अधिक चैंबर भी बनाये जा चुके है.एक चैंबर ( टंकी) से दो-चार घरों को जोड़ना है.क्या है सीवरेज योजना से शहरवासियों को लाभ
नगर विकास एवं आवास विभाग व जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के नमामि गंगे परियोजना के लगभग 230 करोड़ की सीवरेज योजना का कार्य नगर निगम क्षेत्र में सुभाष चौक हर्रख रोड से 90 किमी सीवरेज नेटवर्क का कार्य फरवरी माह 2020 में शुरु किया गया था.जिसे 2022 तक पूरा करना था. फरवरी 2019 में हुआ योजना का शिलान्यास किया गया था. बिहार सरकार की कार्य एजेंसी बुडको को योजना की क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है. तोशिवा वाटर सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेट व केवडिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को सीवरेज कार्य का ठेका मिला. सीवरेज योजना के ठेका कंपनी को दो वर्षों में कार्य को पूरा करना था. साथ ही 15 वर्षों तक सीवरेज के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी ठेका कंपनी को दी गयी है.क्या है सीवरेज योजना
शहरी क्षेत्रों में 90 किमी की सीवरेज पाइप का नेटवर्क बनाना था. जिसके माध्यम से कुल 11020 घरों के गंदे मल-जल का कनेक्शन उक्त पाइप के जरिये किया जाना था. अंडरग्राउंड पाइप लाइन से गंदा पानी सड़कों पर नहीं आयेगा. प्लांट से शुद्ध होने के बाद गंदे जल को भी उपयोगी बनाने की योजना पर काम करना था. प्रोजेक्ट में दो ट्रीटमेंट प्लांट शामिल हैं. जो गंदे पानी को शुद्ध करके पुन: इस्तेमाल लायक बनायेंगे. सबसे बड़ा लाभ लोगों को यह है कि मकान के साथ सेप्टिक टैंक बनाने की जरूरत नहीं रह जायेगी.बोले पदाधिकारी
सीवरेज का लाभ नगर निगम क्षेत्र के लोगों को वर्ष 2025 में ही मिलने लगेगा. जो भी कार्य पूरा करना है उसे शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा. भोलानाथ याग्निक, कार्यपालक अभियंता, बुडकोडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है