Crime News: दिल्ली के बहुचर्चित दुष्कर्म केस की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. रोहिणी कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस की एक टीम सोमवार को बिहार के बेगूसराय पहुंची. जहां 8 दिन पहले दफनाए गए एक नवजात शिशु के शव को निकालकर पोस्टमार्टम और डीएनए जांच की प्रक्रिया शुरू की गई. यह नवजात उस 13 वर्षीय नाबालिग का बच्चा था, जिसे दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में मकान मालिक ने कई महीनों तक शोषण का शिकार बनाया था.
शोषण से गर्भवती हुई बच्ची, आरोपी फिलहाल जेल में
बेगूसराय का यह परिवार दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में किराये के मकान में रहता था. माता-पिता दोनों काम पर चले जाते थे और बच्ची घर में अकेली रहती थी. इसी दौरान मकान मालिक ने बच्ची को डरा-धमकाकर कई बार शारीरिक शोषण किया. गर्भ ठहरने पर जब परिजनों को सच्चाई पता चली तो प्रेम नगर थाने में FIR दर्ज कराई गई और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
जन्म के बाद नवजात की मौत, बेगूसराय में दफनाया गया शव
पिछले महीने पीड़िता ने एक नवजात को जन्म दिया. इसके तुरंत बाद परिवार बेटी को लेकर वापस बेगूसराय आ गया. वहां जन्म के 22 दिन बाद नवजात की मौत हो गई और शव को महमदपुर में रेलवे ट्रैक किनारे दफना दिया गया. इधर कोर्ट में चल रही ट्रायल के दौरान आरोपी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से मुकरते हुए कहा कि वह निर्दोष है.
डीएनए टेस्ट से तय होगी सच्चाई
रोहिणी कोर्ट ने डीएनए टेस्ट के आदेश दिए. पीड़िता पक्ष ने कोर्ट को बताया कि नवजात की मृत्यु हो चुकी है. इसके बाद कोर्ट ने बेगूसराय डीएम को निर्देश दिया कि नवजात का शव निकालकर पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट कराया जाए.
सोमवार को मजिस्ट्रेट, नगर थाना पुलिस और दिल्ली पुलिस की टीम की मौजूदगी में शव को कब्र से निकाला गया. मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया और उसके बाद गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. डीएनए जांच के लिए बेसरा (शव के नमूने) को सुरक्षित रूप से जांच एजेंसी को सौंप दिया गया.
न्याय की उम्मीद, सिस्टम की सख्ती
इस केस ने फिर यह दिखाया कि न्यायिक प्रक्रिया कितनी जटिल लेकिन आवश्यक होती है. अब डीएनए रिपोर्ट से यह साफ होगा कि रेप के आरोपी की भूमिका क्या रही. पीड़िता का परिवार न्याय की आस में है, जबकि पूरा मामला न्यायिक निगरानी में आगे बढ़ रहा है.