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किसानों को नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के प्रयोग की दी गयी जानकारी

प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत स्थित सूरो-आलमपुर गांव के समीप गुरूवार को सहकारी संस्था इफ्को द्वारा तेघड़ा अनुमंडल स्तरीय किसान समेत विक्रेताओं के बीच एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

बछवाड़ा. प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत स्थित सूरो-आलमपुर गांव के समीप गुरूवार को सहकारी संस्था इफ्को द्वारा तेघड़ा अनुमंडल स्तरीय किसान समेत विक्रेताओं के बीच एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का प्रयोग एवं उसके लाभ से संबंधित जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान इफको के निर्देशक प्रेमचंद मुंशी,राज्य के कृषि विशेषज्ञ अवधेश प्रसाद सिंह,इफको के राज्य प्रबंधक ए के पालीवाल, प्रबंधक राजीव लोचन,स्थानीय पदाधिकारी मोहित झा,एआईडीए के जिला सचिव सत्येन्द्र शर्मा,अनुमंडल अध्यक्ष संजीव कुमार,व्यापार मंडल के अध्यक्ष शशिशेखर राय समेत प्रगतिशील किसान मौजूद थे. प्रशिक्षण के दौरान इफको के निर्देशक ने कहा कि किसानों द्वारा आवश्यकता से अधिक रसायनिक खाद का प्रयोग करने से खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है. जिस कारण दिन प्रतिदिन किसान अधिक से अधिक रसायनिक खाद का प्रयोग करते जा रहे हैं.

किसानों व विक्रेताओं के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

इस रसायनिक खाद के प्रयोग से एक दिन ऐसा भी आएगा, जब खेतों में फसल की उपज बंद हो जाएगा. वही राज्य के कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि किसानों को अपने खेतों की उर्वरा शक्ति को बरकरार रहने के लिए जैविक खाद के साथ साथ नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का प्रयोग करना चाहिए. जिससे फसल भी अच्छी होगी और जमीन का उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है कि किसान नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का प्रयोग कैसे करना चाहिए. वही उन्होंने किसानों की मांग पर कहा कि रसायनिक खाद के प्रयोग के दौरान खेतों की उर्वरा शक्ति की जांच जरूर होनी चाहिए, इसके लिए किसानों को अपने खेत के चारों दिशा व बीच से एक फीट निचे की मिट्टी जमाकर उसे अच्छी तरह मिला लें और पांच सौ ग्राम मिट्टी निकलकर उसे पन्नी में पैक करते हुए किसान अपना नाम,जगह का नाम व खेसरा नम्बर लिखकर जमा करें, जिसके बाद खेतों की मिट्टी जांच कराया जाएगा. जिससे खेतों में कमी की जानकारी प्राप्त हो सकता है. खेतों में नैनो यूरिया व डीएपी समेत जैविक खाद प्रयोग के लिए किसानों के बीच जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है. वही खेतों में छिड़काव के बारे में बताते हुए कहा कि खेतो में फसल का छिड़काव ड्रोन से करने की आवश्यकता है, नैनो यूरिया व कीटनाशक दवा का ड्रोन से छिड़काव के दौरान खेतों में उचित मात्रा में खेत में लगे सभी पेड़ों पर पड़ता है, और समय भी कम लगता है, फसल की क्षति नहीं होती है तथा खेतों में पैदावार अच्छी होती है. मौके पर तेघड़ा अनुमंडल के खाद विक्रेता समेत प्रगतिशील किसान मौजूद थे.

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