बेगूसराय डंडारी. मंगलवार को चौठचंद्र का पर्व श्रद्धाभाव से जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में मनाया गया. व्रतियों ने ने चांद को अर्घ देकर आराधना उपासना की. कहा जाता है कि जो भी व्रती या श्रद्धालु भादो मास की शुक्ल चतुर्थी की शाम भगवान गणेश जी के साथ चांद की पूजा करते हैं वे चंद्र दोष से मुक्त हो जाते हैं. इस अवसर पर आंगन में केले के पत्ते की मदद से गोलाकार चांद बनाया गया. डालिया को फूल – फल के साथ पकवान से सजाया गया. साथ ही पश्चिम दिशा की ओर मुख करके हाथ में डाला लेकर चंद्रमा को अर्घ दिया गया. प्रसाद के साथ दही का भोग लगाया गया. साथ ही परिवार के सदस्यों की सुख -समृद्धि की मंगल कामना की गयी. इस पर्व को लेकर मंगलवार को बाजारों में भी भीड़ देखी गयी.लोगों ने जमकर खरीदारी की. गढ़पुरा प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में चौठचंद्र का पर्व काफी उत्साह एवं धूमधाम के साथ मनाया. इस अवसर पर मंदिरों, बाजारों में काफी रौनक रही. बाजारों में सुहाग सामग्री खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ रही.प्रसिद्ध शिव नगरी बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा में पूजा अर्चना करने वाले लोगों की भीड़ लगी रही. इधर पंडित राधाकांत झा ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन चंद्रमा को कलंक लगा था, जिसके कारण गणेश जी ने श्राप दिया था कि जो कोई चंद्रमा को इस दिन देखेगा उस पर झूठा कलंक लगेगा. इस श्राप के प्रभाव को कम करने और मिथ्या कलंक से बचने के लिए चंद्रमा की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है.
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