बछवाड़ा : विषाक्त मिड डे मील खाने से सारण जिले में छात्रों की मौत की दहशत क्षेत्र में तीसरे दिन भी कायम रही. भोजन करते समय छात्रों को निवाला हलक के नीचे नहीं जा रहा था.
मध्य विद्यालय नारेपुर, जहानपुर, फतेहा आदि विद्यालयों में भोजन बनाते समय निगरानी रखने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गयी. लोजपा नेता विजय शंकर दास कहते हैं कि प्रखंड क्षेत्र में करीब एक दर्जन नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है. यहां के छात्र खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं. बच्चों का मध्याह्न् भोजन भी खुले में बनाया जाता है.
खाद्य सामग्री स्थानीय लोगों के घरों में रखी रहती है, जिस कारण कभी अप्रिय घटना घट सकती है. जगह के अभाव में कई विद्यालयों में किचन शेड का निर्माण नहीं हो पाया है. विद्यालय को मिलनेवाले चावल की क्वालिटी घटिया होती है. एक बार में तीन–तीन माह का चावल विद्यालय को आपूर्ति की जाती है, जिसमें कीड़े लगना स्वाभाविक है.
राजद नेता अरुण यादव ने बताया कि मिड डे मील योजना में शामिल नीचे से ऊपर तक के अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं. शिक्षक से लेकर अधिकारी तक बच्चों के मुंह से निवाला छीनने में लगे हैं, जिसका नतीजा है बाजार से सस्ती दर पर सामान की खरीदारी. इसमें गुणवत्ता हो ही नहीं सकती है.