बौंसी रेफरल अस्पताल से एक वर्षीय बच्ची को किया रेफर, भागलपुर ले जा रहे थे परिजन
बौंसी.
झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में समूचित इलाज नहीं मिलने के कारण एक बच्ची की मौत हो गयी. घटना शनिवार की है. धोबनी गांव निवासी चतुर्भुज पंडित करीब एक वर्षीय अपनी पोती अभिलाषा कुमारी का इलाज धोबनी के ही एक झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे थे. बताया जाता है कि पिछले तीन दिनों से बच्ची उल्टी और दस्त से परेशान थी. गलत इलाज के कारण बच्चे की हालत और गंभीर हो गयी. स्थिति बिगड़ता देख परिजन शनिवार को नवजात को आनन-फानन में बौंसी रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. अस्पताल पहुंचते ही ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक मुकेश मुकुल ने बच्ची की जांच कर दवा दी और बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर किया गया. लेकिन जब तक परिजन उसे वहां से लेकर निकल पाते, चंद मिनट में ही बच्ची की जान चली गयी. घटना के बाद बच्ची की मां और दादा सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर सही डॉक्टर से इलाज कराया जाता तो बच्ची की जान बच सकती थी. बिना किसी वैध डिग्री और उचित सुविधा के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराना इस दर्दनाक घटना का कारण बना.
झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार, हो कार्रवाई
स्थानीय राकेश कुमार, राजीव कुमार, अवधेश मंडल सहित अन्य लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के अभाव में ऐसे अवैध चिकित्सक खुलेआम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. कई बार चेतावनी के बावजूद इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है. लोगों ने प्रशासन से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
प्रखंड क्षेत्र में सक्रिय है झोलाछाप डॉक्टर
मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय है. बौंसी बाराहाट बॉर्डर पर धोबनी मोड़ के साथ-साथ बौंसी बाजार, श्याम बाजार के अलावे ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे दर्जनों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर हैं, जो प्रतिदिन बाइक से घूम-घूम कर मरीज का इलाज करते हैं. ऐसे डॉक्टर मरीज से दवाई के नाम पर मनमाना रुपया भी वसूल रहे हैं. मालूम हो कि उनके पास हर तरह की दवाइयां और इंजेक्शन उपलब्ध रहते हैं. ऐसा नहीं है कि इन सबकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं है. बावजूद इसके ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने से अक्सर घटनाएं हो रही है.कहते हैं हेल्थ डीपीएम
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम बृजेश सिंह ने बताया कि रेफरल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी से ऐसे डॉक्टरों की सूची मांगी जा रही है. साथ ही ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित कर उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

