खतरे में तीन राज्यों का लाइफ लाइन
गौरव कश्यप, पंजवारा. बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले अत्यंत महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे 333-ए पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है. भागलपुर-गोड्डा मुख्य मार्ग पर पंजवारा बाजार के बीचों-बीच स्थित जोर पुल पंजवारा पुल की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि स्थानीय लोग इसे अपनी अंतिम सांसें गिनते हुए बता रहे हैं. करीब 43 साल पुराना यह पुल लंबे समय से मेंटेनेंस न होने के कारण वाहनों के भारी बोझ तले दबकर दम तोड़ने के मुहाने पर खड़ा है. पुल के बाहरी हिस्सों में जगह-जगह दरारें पड़ गयी हैं. पुल के नीचे की ढलाई झड़ने लगी है और कंक्रीट हटने से पुल का अस्थि पंजर (सरिया) तक बाहर निकल आया है. पुल इतना जर्जर है कि यह कभी भी भारी वाहनों के दबाव में ध्वस्त हो सकता है, लेकिन एनएच विभाग द्वारा पुल के आसपास कोई संकेतक बोर्ड नहीं लगाया गया है. इसके चलते इस खतरनाक पुल से होकर भारी वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है. बाजार वासियों ने पुल के दोनों किनारों को कचरा फेंकने का स्थान बना दिया है. लोगों का कहना है कि यह पुल कचरे के ढेर पर ही टिका हुआ है, जो इसकी स्थिति को और भी बदतर बना रहा है. यह पुल भागलपुर, बांका, बौंसी, धोरैया से गोड्डा के लिए निकलने वाले हजारों छोटे-बड़े मालवाहक और यात्री वाहनों के लिए एकमात्र रास्ता है. यदि यह पुल ध्वस्त होता है, तो तीनों राज्यों के बीच आवागमन पूरी तरह ठप हो जायेगा.स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि समय रहते अगर पुल की मरम्मत नहीं हुई या नया पुल नहीं बना, तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. जर्जर पुल के कारण आए दिन खतरे की आशंका को देखते हुए, स्थानीय लोगों ने तत्काल नए पुल के निर्माण की मांग की है, ताकि इस महत्वपूर्ण मार्ग को सुरक्षित रखा जा सके.पंजवारा में नये पुल निर्माण को लेकर एनएच विभाग तैयारी कर रहा है. जल्द ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा.
गोपाल कुमार गुप्ता, बीडीओ, बाराहाटB
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