ध्वस्त बोर्ड का मलवा कहीं पोखर के भीतर तो कहीं पोखर के बाहर कटोरिया. कटोरिया प्रखंड में मनरेगा योजना के नाम पर राशि की लूट मची हुई है. मनरेगा के पदाधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही से धरातल पर नियमों की धज्जियां उड़ रही है. खास कर खेत-पोखरी योजना का तो सबसे बुरा हाल है. खेत-पोखरी निर्माण में नियम या गुणवत्ता को दरकिनार रखते हुए व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है. सक्रिय बिचौलिया तत्वों की मिलीभगत से अधिकांश पंचायतों में जैसे-तैसे खेत-पोखरी का निर्माण कराया गया है. कई जगहों पर तो एक ही परिवार में कई सदस्यों के नाम पर योजना का क्रियान्वयन किया गया है. खेत-पोखरी की अधिकांश योजनाओं में लगाए गए बोर्ड से कोरम पूरा करके उसे चकनाचूर कर दिया गया है. ध्वस्त बोर्ड का मलवा कहीं खेत-पोखरी के भीतर तो कहीं बाहर बिखरा पड़ा हुआ है. जिसे कोई देखने वाला नहीं. क्षेत्र के लोगों की मानें तो प्रखंड स्तर के अधिकारियों को बस चढावा मात्र से ही मतलब रह रहा है. योजनाओं की मॉनिटरिंग में दिलचस्पी नहीं ली जाती. जिसका परिणाम धरातल पर देखने को मिल रहा है. मनरेगा योजनाओं में खुल्लम-खुल्ला बरती जा रही अनियमितता क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. आधे से अधिक योजनाओं में भुगतान भी हो चुका है. वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व विभागीय कर्मी इस लूट में अपनी हिस्सेदारी से साफ इंकार कर रहे हैं. खेत-पोखरी योजनाओं की अनियमितता व बोर्ड के ध्वस्त होने के मामले की जांच करायी जाएगी. गड़बड़ी मिलने पर भुगतान रोकी जाएगी. राकेश कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा
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