बौसी. एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान जेपी सेनानियों ने डिप्टी सीएम को अपना मांग पत्र सौंपा. आवेदन में जेपी सेनानियों ने बताया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद पेंशन प्राप्त सभी नेता जब जेल चले गये तो 21 मार्च 1977 तक आपातकाल की समाप्ति तक आंदोलन चलता रहा या बंद हो गया. नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यही भूमिगत एवं फरार आवेदक आंदोलन को गतिमान रखें. फिर भूमिगत की अपेक्षा क्यों हो रही है. आवेदन में उपमुख्यमंत्री से भूमिगत जेपी सेनानी को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह के साथ पेंशन देने की मांग की गयी है.B
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