15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिना पंचांग देखे आज कर सकते है कोई भी शुभ मांगलिक कार्य

अक्षय का अर्थ है कभी क्षय न होना अर्थात इस तिथि के दिन पूजा-पाठ, दान, स्नान और शुभ कार्य करने से उनका फल अक्षय ही रहता है.

– अक्षय तृतीय आज, बाजार में बढ़ी चहल-पहल. बांका. अक्षय तृतीया पर्व को लेकर जिलेभर के लोगों में उत्साह का माहौल है. इसे लेकर जिलेभर के सभी ज्वेलर दुकानदार के द्वारा अपनी हिसाब से तैयारी की गयी है. ताकि ग्राहक को सभी तरह के सामान उपलब्ध कराया जा सके. हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता पार्वती हैं. जबकि अक्षय का अर्थ है कभी क्षय न होना अर्थात इस तिथि के दिन पूजा-पाठ, दान, स्नान और शुभ कार्य करने से उनका फल अक्षय ही रहता है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को भगवान श्रीकृष्ण ने अक्षय पात्र दिया था, जिसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था. वर्तमान ””कल्प”” में मां पार्वती ने इस तिथि को बनाया और अपनी शक्ति प्रदान करके फलित कर दिया. धर्मराज को इस तिथि का महत्व समझाते हुए माता पार्वती कहती हैं कि कोई भी स्त्री, जो किसी भी तरह का सुख चाहती है उसे यह व्रत करते हुए नमक का पूरी तरह से त्याग करना चाहिए. स्वयं में भी यही व्रत करके मैं भगवान शिव के साथ आनंदित रहती हूं. विवाह योग्य कन्याओं को भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करना चाहिए. जिनको संतान नहीं हो रही हो वे स्त्रियां भी इस व्रत करके संतान सुख प्राप्त कर सकती हैं. अक्षय तृतीया का स्वयं सिद्ध मुहूर्त के रूप में भी बड़ा महत्व है. जबकि बिना पंचांग देखे भी इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह,गृह प्रवेश, घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीदारी से संबंधित कार्य किया जा सकता हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel