बांका : शुक्रवार को जिले भर में हुए ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से शहर में हड़ताल का आंशिक असर दिखा. ट्रेड यूनियन में शामिल भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले बांका रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर बांका राजेंद्र नगर इंटर सिटी को करीब 1 घंटे तक रोके रखा और अपना विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद यूनियन के लोग अपने बैनर तले गांधी चौक पर पहुंच कर करीब 3 घंटा तक यातायात को प्रभावित किया. इसके बाद शहर में घूम-घूम कर खुले दुकान को पूरी तरह से बंद करवाया. वहीं सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों को रोक कर विरोध जताया.
हालांकि कुछ वाहनों का हवा भी निकाल दिया. इधर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के कर्मी ने समाहरणालय के मुख्य गेट पर अपने बैनर तले घंटों नारेबाजी की. इधर हड़ताल में शामिल बांका की लिड बैंक यूको बैंक की सभी शाखाएं, यूनाइटेड बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप डी के सभी सदस्य सहित अन्य बैंक शामिल थे. वहीं इन बैंकों के एटीएम भी बंद थे. जिससे आम लोगों को पैसे की निकासी के लिए एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाना पड़ा. डाक कर्मचारी एवं अधिकांश बैंक कर्मी के हड़ताल में शामिल होने से जिले भर में करीब सौ करोड़ का करोबार प्रभावित हुआ. जिसकी पुष्टी एलडीएम सुधांशु शेखर ने की.
इस मौके पर कम्यूनिष्ट पार्टी सदस्य एवं पूर्व एमएलसी संजय यादव, राज्य परिषद सदस्य महेश्वरी साह, जिला मंत्री मुनिलाल पासवान, बांका दक्षिणी के जिला परिषद सदस्य मनोज सिंह उर्फ बाबा, ब्रजेश कुमार सिंह, गिरिधारी राय, शंभू दास, सियाराम यादव, मृत्युंजय सिंह, संतसेवक राय सहित इंटक के सदस्य विनय कापरी, रेखा सोरेन, राहुल देव सिंह, रिंकू देवी, पप्पू भारती, रीता देवी, बबिता देवी, चुन्नी देवी, बासुदेव दास सहित काफी संख्सा में संघ के कार्यकर्ता उपस्थित थे.मुख्य मांगे-60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी मजदूरों को 10 हजार मासिक पेंशन दिया जाये.
मजदूरों के आक्सिमिक निधन पर 5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाये.
-जनवितरण प्रणाली में हो रहे धांधली को बंद किया जाय एवं बैंकों द्वारा सब्सिडी देने की बात वापस लिया जाये
-गृह विहीनों को 5 डीसमिल वासगीत जमीन का पर्चा दिया जाये.
– सभी भूमिहीनों को एक एकड़ जोत की जमीन उपलब्ध कराया जाये.
– श्रम विभाग की ओर से मजदूरों का निबंधन करके छ: महीनों में कार्ड उपलब्ध करायें.
– 20 रुपये मासिक शुल्क बंद करें.-विभाग के द्वारा श्रमिकों के निबंधन में लापरवाही नहीं बरतें.-श्रम विभाग निबंधित मजदूरों का सूची प्रकाशित करें.
-सत्यापित मजदूरों का कार्ड वितरण करायें-ऑटो रिक्शा चालकों को बीपीएल में सुविधा मिले. इसके अलावा भी और कई मांगें शामिल हैं.