23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आयुर्वेद, होमियोपैथ व यूनानी दवाओं से होता है साइड इफेक्ट तो पटना आयुर्वेदिक कॉलेज में दर्ज करें शिकायत

अगर आप आयुर्वेद, होमियोपैथ या यूनानी दवाओं का सेवन कर रहे हैं और उसकी गुणवत्ता पर संदेह है या कोई साइड इफेक्ट होता है, तो अब इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसकी शिकायत शहर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में होगी. इसके लिए कॉलेज में पेरिफेरल फार्मकोविजिलेंस सेंटर (पीपीवीसी) बनाया गया है.

आनंद तिवारी, पटना. अगर आप आयुर्वेद, होमियोपैथ या यूनानी दवाओं का सेवन कर रहे हैं और उसकी गुणवत्ता पर संदेह है या कोई साइड इफेक्ट होता है, तो अब इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसकी शिकायत शहर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में होगी. इसके लिए कॉलेज में पेरिफेरल फार्मकोविजिलेंस सेंटर (पीपीवीसी) बनाया गया है, जहां कोई भी व्यक्ति कॉलेज में आकर ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं. इन शिकायतों के आधार पर केंद्र सरकार संबंधित दवा की गुणवत्ता की जांच कर निर्माता कंपनियों को सुधार करने का निर्देश देगी. अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो ड्रग एवं औषधि अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.

देश के 17 सेंटर में पटना का राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज भी शामिल

दवाओं के साइड इफेक्ट व मरीजों की सुविधा को देखते हुए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने देश के 17 आयुर्वेदिक कॉलेजों में फार्माको विजिलेंस सेंटर (एडीआर) खोलने का निर्णय लिया है. इनमें पटना के आयुर्वेदिक कॉलेज को भी शामिल किया गया है, जहां जल्द ही कार्य शुरू होने का दावा किया गया है. यहां पर दर्जशिकायतों को कॉलेज प्रशासन की ओर से जयपुर सेंटर में भेजा जायेगा. फिर वहां से दिल्ली आयुष मंत्रालय में शिकायत की कॉपी जायेगी. वहीं, बिहार में अब तक आयुष से जुड़ी दवाओं से संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई उपयुक्त सरकारी प्लेटफॉर्म नहीं था.

गलत और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने की कवायद

आयुष से संबंधित गलत व भ्रामक विज्ञापनों पर भी अब रोक लगाने की कवायद शुरू की जा रही है. जानकारों के अनुसार खासकर ग्रामीण इलाकों में विज्ञापन के माध्यम से दवा विशेष के सेवन से लंबाई बढ़ाने या मर्दाना कमजोरी को दूर करने, शक्तिवर्धन करने, तिल हटाने, गोरा बनाने आदि के दावे करने वाली दवाओं के खिलाफ भी शिकायत करने की तैयारी की गयी है. पीपीवीसी के माध्यम से संबंधित गलत व भ्रामक विज्ञापन पर शिकायत के बाद एडीआर के सदस्य कार्रवाई करेंगे.

बोले प्रिंसिपल

क्या कहते हैं प्रिंसिपल आयुष के दवाओं की गुणवत्ता व साइड इफेक्ट को देखते हुए आयुष मंत्रालय की ओर से देश में 17 कॉलेजों को चुना गया है, जिनमें पटना का राजकीय आयुर्वेद कॉलेज भी शामिल है. कॉलेज में जल्द ही पेरिफेरल फार्मकोविजिलेंस सेंटर (पीपीवीसी) बनाया जायेगा, जहां पीड़ित लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

-डॉ संपूर्णानंद तिवारी, प्रिंसिपल राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel