नदी के बीच में टीले पर खेती करने वाले दो किसान फंसे, चला रेस्क्यू अभियान
बारुण. अमरकंटक से निकली सोन नद उफान पर है. अचानक जलस्तर बढ़ने से टीले पर खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उनकी झोंपड़ियां तेज बहाव में बह गयी. हालांकि, किसान वहां से किसी तरह तैर कर निकलने में सफल रहे. इसके बाद भी दो किसान किसी तरह बीच टीले पर फंस गये. जानकारी मिली कि इंग्लिश के समीप दो किसान सोननदी के बीच टीले पर फंस गये है. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रंजीत कुमार पहुंचे और रेस्क्यू में जुट गये. थानाध्यक्ष ने बताया की इंग्लिश के रामलाल चौधरी और तुलसी साव फसे है. इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी गयी है. वैसे समाचार प्रेषण तक टीले पर फंसे किसानों को नहीं निकाला जा सका था. गौरतलब है कि इंद्रपुरी डैम से सोन नद बुधवार की रात करीब चार लाख 72 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. ज्ञात हो कि इंद्रपुरी डैम में 69 फाटक हैं. डैम के दोनों तरफ यानी पूर्वी और पश्चिमी कैनाल की फाटक को बंद कर दिया गया है ताकि कैनाल व गांव को नुकसान न हो.टीले पर लगी फसल बर्बाद
वीआइपी के जिला प्रभारी रंजीत चौधरी उर्फ नंदी ने बताया कि सोननदी में पानी छोड़े जाने से किसानों द्वारा रोपी गयी धान, सब्जी, बागबान, फलदार वृक्ष सहित फसल सभी बह गये. दर्जनों पंपसेट मोटर भी डूबे हुए है. बताया कि सोननदी में कई लोग अपने परिवार के साथ खेती करते है और वही रहते है. उनका एकमात्र जीविकाेपार्जन सोन नदी से ही होता है. गोठौली मुखिया मनोज कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष पारस सिंह आदि लोगो ने बताया कि सोननदी में खेती कर जीवन का भरण पोषण करते हैं. बाढ़ आने की सूचना उन्हें नही मिली जिसके कारण वे सोन नदी में फंस गये.सोननदी तट पर बसे लोग सावधान रहे
लगातार बारिश हो रही है, जिससे जलस्तर में वृद्धि हो रही है. भीम बराज, बाण सागर व रिहंद के साथ साथ छोटे-बड़े पहाड़ का पानी आ रहा है. इसलिए अनुमान लगाना कठिन है. पानी में फंसे लोगो की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू के एसडीआरएफ को आने की सूचना दी गयी है. प्रशासन बिलकुल मुस्तैद है. लोगों से अपील है कि सोननदी तट पर बसे लोग सावधान रहे. अभी सोननदी में कोई भी व्यक्ति न जाये. अचानक बारिश होने की संभावना है.
मंजेश कुमार, अंचलाधिकारीB
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