ओबरा. आश्वासन के बाद भी सड़क की जर्जरता को दूर नहीं किये जाने से उकुर्मी गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. वहीं, रोड नहीं, तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया. ज्ञात हो कि ओबरा से रतवार भाया उकुर्मी सड़क लगभग पांच किलोमीटर तक जर्जर हो चुकी है. पूर्व में कई बार जर्जर सड़क की मरम्मत के लिए अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया. लेकिन, आश्वान के बाद भी सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हुआ. स्थिति इतनी भयावह है कि पैदल चलने वाले लोग भी संभावित दुर्घटना से सहम जाते हैं. यह भी ज्ञात हो कि इस सड़क से उकुर्मी, रतवार, हेमजा, कदियाही, सोनहुली, अहिरा बिगहा आदि गांव के लोग लाभान्वित होते हैं. बरसात के दिनों में सड़क पर झील-सा नजारा दिखता है. सड़क पर बने पुलिया भी ध्वस्त हो गयी है. इसके लिए ग्रामीण कई वर्षों से संघर्ष करते आ रहे है. लोगों ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर स्थानीय विधायक ऋषि कुमार ने सड़क निर्माण को लेकर अनुशंसा भी की गयी थी. इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ. पिछले वर्ष भी वोट बहिष्कार की हुई थी घोषणा पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का एलान किया था. मतदान के एक सप्ताह पहले अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार, भूमि उप समाहर्ता दीप शिखा, बीडीओ मो युनूस सलीम, सीओ हरिहरनाथ पाठक सहित संबंधित विभाग के इंजीनियर वहां पहुंचे और वोट बहिष्कार करने वाले ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया था. अधिकारियों ने आश्वसत किया था कि जल्द ही सड़क का निर्माण कराया जायेगा. अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीणों ने अपना निर्णय वापस लिया था, और मतदान करने को भरोसा दिया था. यही नहीं मतदान भी किया. ग्रामीण अधिकारियों की मान गये, लेकिन अधिकारियों ने अपना आश्वासन पूरा नहीं किया. सड़क की मरम्मत तक नहीं करायी गयी. इससे समस्या और बढ़ती गयी. उक्त पथ पूरी तरह गड्ढे में तब्दील है. खासकर गर्भवती महिलाओं, मरीजों, बुजुर्गों और छात्र –छात्राओं को जर्जर सड़क से परेशानी उठानी पड़ रही है. क्या कहते हैं ग्रामीण सड़क की जर्जरता से परेशान ग्रामीणों ने रविवार को आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. ग्रामीण उतम पांडेय, संतोष सिंह, अनिल सिंह, पूर्व पैक्स अध्यक्ष बिंदा सिंह, अमित कुमार, संजय कुमार, विपिन सिंह, सूरजदेव सिंह, अशोक सिंह, अमरेश कुमार, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल ने कहा कि उक्त सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क ग्रामीण योजना के तहत 2012-2013 में कराया गया था. इसके बाद एक बार भी मरम्मत नहीं करायी गयी. आवाज उठते रहे, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. कई गांवों के लिए यह मुख्य मार्ग है और दिन हजारों लोगों का आवागमन होता है. जनप्रतिनिधि के साथ-साथ अधिकारी उदासीन रहे है. विधानसभा चुनाव का समय आ रहा है. वैसी स्थिति मे हम सभी वोट का बहिष्कार करेंगे. जब तक सड़क का निर्माण नहीं होगा तब तक वे वोटिंग नहीं करेंगे. साथ ही आंदोलन भी करेंगे. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सड़क पर बनी पुलिया भी जर्जर हो गया है. हादसे की संभावना बनी रहती है. क्या कहते हैं पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है. बहुत जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ होगा. इधर संबंधित विभाग के अभियंता अशोक कुमार ने भी सड़क निर्माण से संबंधित टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ होने की बात कही है.
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