कुटुंबा. झारखंड के पठारी भू-भाग में हुई मूसलाधार बारिश से बुधवार को उत्तर कोयल नदी में भयंकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से भीम बराज के राइट साइड का गेट डाउन कर नहर का संचालन रोक दिया था. मोहम्मदगंज के एग्जिक्यूटिव अभियंंता विनीत प्रकाश ने बताया कि नदी में बाढ़ उत्पन्न होने के दौरान नहर के बेड में बालू टालने की संभावना बनी रहती है. गुरुवार से नदी के उफान में कमी आयी है. उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को बराज के डाउन साइड के 40 गेटों में से 38 को पूरी तरह हे ऑन कर 2.68 लाख क्यूसेक पानी सोन नद में बहाया जा रहा था. गेट नंबर 19 में स्टाप लॉग लगा हुआ है. वहीं गेट नंबर 36 को कंट्रोल पैनल खराब है. इसकी वजह से ऑपरेट नहीं होता है. उन्होंने बताया कि गुरुवार से बाढ़ में कमी आयी है. उक्त दिन दो बजे दिन में बाढ़ घटकर 91 हजार क्यूसेक हो गया है. अगर नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में बारिश नहीं हुई तो शुक्रवार की सुबह तक नदी की बाढ़ डाउन कर जायेगी. गौरतलब है कि इसके 20 दिन पहले कोयल नदी में 2.60 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी बराज के डाउन साईड में बहाया जा रहा था. विदित हो कि पिछले वर्ष 18 सितंबर को नदी में 2.79 लाख क्यूसेक बाढ़ आयी थी. इसके पहले वर्ष 2016 में 16 अगस्त की रात कोयल नदी में 7.67 लाख क्यूसेक बाढ़ आयी थी. उस समय बराज का आधा दर्जन से अधिक गेट टर्न हो गया था. अन्य गेटों को तो ठीक करा दिया गया है पर पहले के डैमेज दो गेट यथावत है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर कोयल नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर भी बराज व नहर के सभी सरंचनाओ को सुरक्षित रखा गया है. किसानों को धान की फसल लगाने के दौरान पानी का दिक्कत न हो, इसके लिए विभाग संकल्पित है. आज सुबह से मुख्य नहर का संचालन शुरू कर दिया जायेगा.
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