औरंगाबाद ग्रामीण़ जम्होर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के समीप व अदरी नदी के किनारे जिस लावारिस शव को दफनाया गया था, उसकी पहचान हो गयी है. रविवार को अज्ञात शव की पहचान उसके परिजनों द्वारा की गयी. दफनाये गये शव को जेसीबी के माध्यम से निकालकर जम्होर और फेसर थाने की पुलिस ने ग्रामीणों की उपस्थिति में सोमवार की सुबह परिजनों को सौंप दिया. इसके बाद परिजन उक्त शव को अंतिम संस्कार के लिए अपने घर लेकर चले गये. मृतक की पहचान गया जिले के गुरारू प्रखंड के महिमापुर गांव निवासी शिव पासवान के रूप में हुई है. शव लेने पहुंचे मृतक के पुत्र मलपा पंचायत के पूर्व मुखिया संजय पासवान ने बताया कि उनके पिता पिछले कई दिनों से लापता थे. लापता होने के बाद से उनकी खोज बिहार, झारखंड, बंगाल व अन्य जगहों पर की गयी. लेकिन, कही भी उनका सुराग नहीं मिल पाया. जब फेसर थाने की पुलिस द्वारा अज्ञात शव दफनाये जाने की जानकारी प्राप्त हुई, तो फेसर थाना जाकर शव से संबंधित जानकारी ली. जब पुलिस ने शव की तस्वीर दिखाई, तब पहचान कर ली गयी. इधर, शव की पहचान होने के बाद रविवार की रात में ही फेसर व जम्होर थाने की पुलिस उक्त स्थल पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से मशीन लगाकर शव को निकाले जाने की कार्रवाई शुरू की. हालांकि, रात में शव को नहीं निकाला जा सका. सोमवार की सुबह कार्रवाई की गयी और शव को निकाला गया. मृतक के पुत्र ने बताया कि फेसर व जम्होर थाने की पुलिस के साथ -साथ कर्मा भगवान पंचायत के मुखिया वीरेंद्र पासवान, पंचायत समिति सदस्य सुनील पासवान, समाजसेवी विमलेश सिंह आदि ने उसे सहयोग किया. गौरतलब हो कि 28 फरवरी को इस शव को अपने क्षेत्र में न दफना कर दूसरे थाना क्षेत्र में दफनाये जाने का मामला रामपुर के समाजसेवी विमलेश सिंह ने उठाया था. इसकी चर्चा जोर-शोर से हुई थी. वैसे फेसर थानाध्यक्ष वर्षा कुमारी ने दूसरे थाना क्षेत्र में शव को दफनाये जाने की बात से इन्कार किया था. अंततः ग्रामीणों की बात सही निकली. अंततोगत्वा शव की पहचान हुई. वैसे दूसरे थाना क्षेत्र में शव दफनाने के बाद ग्रामीणों ने फेसर थाना का विरोध भी किया था. थानाध्यक्ष वर्षा कुमारी ने बताया कि लावारिस शव की पहचान कर परिजनों को सौंप दी गयी है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है