औरंगाबाद कार्यालय. शुक्रवार को सदर प्रखंड कार्यालय में 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की महत्त्वपूर्ण समीक्षा बैठक हुई. अध्यक्षता समिति के प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की. प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, जल संसाधन, आवास, पंचायत एवं नगर विकास, बिजली, समाज कल्याण समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारी शामिल थे. इसके अलावा समिति के सभी सदस्य भी शामिल हुए. बैठक का उद्देश्य केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित प्रमुख विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना, जमीनी हकीकत जानना व योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं की पहचान कर उनका समाधान निकालना था. प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 20 सूत्री कार्यक्रम केवल सरकारी आंकड़ों तक सीमित नहीं है. यह जनकल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. योजनाओं को पारदर्शिता और निष्ठा से लागू कर हम जनता का विश्वास अर्जित कर सकते हैं. समिति के उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन विभागीय समन्वय, पारदर्शिता और फील्ड विजिट के बिना संभव नहीं है. यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे. बैठक में 20 सूत्री समिति के सदस्य शशि कांत कुमार, भरत सिंह, रितेश कुमार सिंह, सैयद मुजफ्फर कादरी, अमित गुप्ता, संजय गुप्ता, विकास कुमार मिश्रा, रॉकी राज, नंदिता सिंह, महेंद्र प्रजापति, नीलम देवी, नागेंद्र चंद्रवंशी आदि शामिल थे. प्रमुख योजनाओं की समीक्षा और प्रगति बैठक के दौरान मनरेगा में 100 दिनों के रोजगार की उपलब्धता, लंबित योजनाओं की स्थिति व मजदूरी भुगतान की पारदर्शिता पर चर्चा की गयी. प्रधानमंत्री आवास योजना में किश्त भुगतान में हो रहे विलंब और एमआइएस रिपोर्टिंग में लापरवाही जैसे मुद्दों को रेखांकित कर सुधार के लिए निर्देश दिया गया. हर घर नल-जल योजना के तहत जलापूर्ति में बाधा और अधूरी पाइपलाइन की शिकायतों पर गुणवत्तापूर्ण व समय बद्ध कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत वर्षा से पूर्व जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता देते हुए तेजी से पूरा करने पर जोर दिया गया. शिक्षा विभाग के तहत मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति, भवन मरम्मत और शिक्षक उपस्थिति की विस्तृत समीक्षा की गयी. आयुष्मान भारत योजना में कार्ड वितरण, दवा उपलब्धता और मोबाइल हेल्थ यूनिट संचालन की समीक्षा कर सुधारात्मक कार्रवाई पर बल दिया गया. कृषि विभाग में फसल बीमा, कृषि यंत्र अनुदान और किसान पाठशाला जैसे कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए तकनीकी सशक्तीकरण पर जोर दिया गया. विद्युत व्यवस्था के तहत ट्रांसफाॅर्मर की खराबी, अनियमित आपूर्ति और लोडशेडिंग से जुड़ी समस्याओं को शीघ्र हल करने का निर्देश दिया गया. बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय – सभी विभाग 15 दिनों के भीतर अद्यतन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे – समिति सदस्य पंचायत स्तर पर जन-संपर्क और निगरानी अभियान चलायेंगे – प्राप्त शिकायतों की त्वरित जांच और समाधान सुनिश्चित किया जायेगा – मासिक प्रगति समीक्षा अनिवार्य होगी – लापरवाह या अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. गैरहाजिर पदाधिकारियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि लघु सिंचाई विभाग, प्रखंड के तीनों थाना (फेसर, मुफस्सिल, जम्होर), गोदाम मैनेजर और एमो विभाग के संबंधित पदाधिकारी बिना पूर्व सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहे, जो कि समिति की नियमावली का उल्लंघन है. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इन सभी पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए.
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