कल्पवृक्ष धाम परता व बतरे बटाने के संगम दोमुहान पहुंचे हजारों श्रद्धालु प्रतिनिधि, अंबा. कार्तिक पूर्णिमा को लेकर प्रखंड क्षेत्र में खासा उत्साह देखा गया. श्रद्धालुओं ने नदी, तालाब व जलाशयों में आस्था की डुबकी लगाकर मंदिरों में भगवान का दर्शन व पूजन किया. बुधवार की अहले सुबह सूर्योदय होने से पहले ही श्रद्धालु नदी में स्नान व मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए जुट गये. कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत श्री श्री कल्पवृक्ष धाम परता, बतरे-बटाने के संगम स्थल भास्कर नगर दोमुहान सड़सा व पंचदेव धाम चपरा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही. दोमुहान संगम स्थल पर हजारों श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर सूर्य मंदिर में दर्शन-पूजन किया. परता में बटाने नदी में स्नान कर श्रद्धालुओं ने कल्पवृक्ष की विधिवत परिक्रमा कह. इसके उपरांत धाम स्थित सभी देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन किया. इधर, सुप्रसिद्ध मां सतबहिनी मंदिर अंबा में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही. जलाशयों में डुबकी लगाने के बाद मां सतबहिनी के दरबार में पहुंचे श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर शांति और समृद्धि मांगा. सूर्य मंदिर पिपरा बगाही आदि धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों की भीड़ जुटी रही. पंचदेव धाम चपरा में श्रद्धालुओं ने शिव गंगा तालाब में स्नान कर सभी देवी-देवताओं का पूजन किया. साथ ही लोगों ने तालाब में वोटिंग का भी आनंद उठाया. दुर्लभ व अलौकिक है कल्पवृक्ष श्रद्धालुओं का मानना है कि कल्पवृक्ष दुर्लभ व अलौकिक वृक्ष है. इसकी परिक्रमा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने स्वर्ग लोक से कल्प वृक्ष को पृथ्वी पर लाया था. विदित है कि कल्प वृक्ष धाम की प्रसिद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. औरंगाबाद के अलावे बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ सीमावर्ती राज्य झारखंड के भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं. पूर्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कल्प वृक्ष का दर्शन-पूजन एवं परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे. मेले को लेकर पुलिस प्रशासन तत्पर रहा. कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. परता किशुनपुर मेला शांतिपूर्ण संपन्न हो हुआ. धाम समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह, प्रवक्ता शैलेंद्र कुमार के साथ समिति सदस्य व उक्त गांव के दर्जनों ग्रामीण विधि व्यवस्था बनाये रखने में जुटे रहे. मंदिरों में सत्यनारायण भगवान की कथा का चला दौर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को स्नान दान करने के उपरांत कई जगह श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनकर मिष्ठान भोजन किया. मां सतबहिनी मंदिर अंबा में पहले सुबह से दोपहर तक भगवान सत्यनारायण की कथा का दौर चलता रहा. ज्योतिर्विद डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र, पंडित चंदन पाठक, आचार्य राधेकृष्ण पांडेय, पंडित अरुण मिश्रा आदि ने बताया कि सनातन संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने का खास महत्व है.
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