कुटुंबा. औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह की पहल पर शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के पोला गांव में एक विशेष शिविर आयोजित कर किसानों की समस्या सुनी गयी. इस दौरान डीसीएलआर श्वेतांक लाल, सीओ चंद्रप्रकाश, सीआई सुमन कुमार, पूर्व सांसद प्रतिनिधि अश्विनी कुमार सिंह, एनएचआई के रेसिडेंट इंजीनियर रामशरण राय, सड़क निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञान प्रकाश शुक्ल आदि अधिकारी और भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. किसानों ने अधिकारियों व सांसद प्रतिनिधि से बताया कि हमलोग के जोत-कोड़ व अपने कब्जे की निजी जमीन बाइपास सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित कर ली गयी है. इसके बावजूद किसानों को नोटिस नहीं दी गयी है. यहां तक कि विभाग पुलिस बुलाकर जबरन सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दे रही है. पोला गांव के किसान निरंजन सिंह, टुन कुमार सिंह, कमला सिंह ने कहा कि इसके लिए किसान संबंधित क्षेत्र के कर्मचारी से लेकर सीओ व भू-अर्जन कार्यालय में जमीन का केवाला रसीद आदि दस्तावेज जमा किये है. इसके बावजूद अब तक सार्थक पहल नहीं की गयी. यहां तक कि किसानों को रिसीविंग भी नहीं दिया जाता है. किसानो ने बताया कि जिन किसानों को जमीन 20 डिसमील अधिग्रहित किया गया है, उन्हें मात्र 20 वर्ग फुट का नोटिस दिया गया है. जिस जमीन के हमलोग विगत्त कई दशकों से लगान चुक्ता करते आ रहे है. किसानों के पास जमींदार द्वारा रिटर्न भी है, फिर भी अधिकारी अनदेखा कर रहे है. इस दौरान किसानों ने सांसद प्रतिनिधि से न्याय की गुहार लगायी. सांसद प्रतिनिधि ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिनकी जमीन सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की है, उन्हें हर हाल में वाजिब हक मिलेगा. एनएच सड़क निर्माण जन हित में बहुत ही उपयोगी कार्य है और किसानों को मुआवजे की राशि मिलनी चाहिए.
आपसी सहमति नहीं बनने से किसानों को हो रही दिक्कत
पूर्व सांसद के पहल पर आयोजित शिविर में अधिकारियों ने रैयतों की बात गंभीरतापूर्वक सुनी. डीसीएलआर ने बताया कि किसान को नोटिस नहीं मिलने के कारण पूर्व के सर्वे के दौरान क्लियर नहीं हुआ होगा कि उक्त जमीन किसकी है. वहीं किसानों के बीच आपसी सहमति नहीं बनने से भी मुआवजे की भुगतान में दिक्कत हो रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों को वंशावली देना जरूरी है. अगर किसी जमीन के लिए आपसी विवाद है तो अंचल अमीन से भूमि की पैमाईस कराकर समस्या का निदान करा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन का पुनः दोबारा सत्यापन कराकर किसानों की समस्या का समाधान किया जायेगा. उन्होंने बताया कि कई किसानों का मामला कोर्ट में चल रहा है. वे निर्धारित समय पर उपस्थित होने से परहेज करते रहे है. उन्हे दोबारा नोटिस देकर उनकी समस्या सुनी जायेगी.
पोला व किशनपुर गांव के किसानों को हो रही परेशानी
एनएच 139 पथ बाईपास निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे की राशि प्राप्त करने में पोला और किशनपुर गांव के किसानों को परेशानी हो रही है .सीओ ने बताया कि इसके लिए उक्त गांव के 19 किसानों ने शिविर में आवेदन दिया है. गौरतलब है कि एनएच औरंगाबाद-डाल्टेनगंज पथ के बीच पोला से झारखंड के रक्सेल तेंदुआ तक बाइपास का निर्माण कराया जाना है. इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गयी है, पर मुआवजे के लिए उन्हे टरकाया जा रहा है. सांसद प्रतिनिधि के मौखिक आदेश के बाद जिन किसानों ने आवेदन जमा किया, उन्हें इस बार रिसीविंग दी गयी. ऐसे में किसानों के बीच मुआवजा की राशि भुगतान होने की उम्मीद जगी है. मौके पर भाजपा के जिला प्रवक्ता मनीष राज पाठक, मंडल अध्यक्ष प्रवीण गुप्ता, ईश्वर दयाल सिंह, कार्यालय प्रतिनिधि मृत्युंजय सिंह, अशोक कुमार सिंह समेत कर्मी जीतेंद्र कुमार, किसान गणेश महतो, धनंजय सिंह, राहुल कुमार, इंद्रदेव मेहता, प्रितम कुमार आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है