दाउदनगर. भारतीय पटसन निगम और कोऑपरेटिव संस्था खलिहान रेपुरा के सौजन्य से दाउदनगर, हसपुरा, ओबरा और कलेर प्रखंड में जूट की खेती के लिए प्रयास काफी तेज कर दिया गया हैं. जूट की खेती का सीजन अब प्रारंभ होने वाला है. ऐसी स्थिति में उसके कर्मचारी किसानों से गांव-गांव जाकर उन्हें प्रेरित करने का काम कर रहे हैं. इसका परिणाम भी सामने आने लगा है. प्रोजेक्ट हेड रंजीत कुमार ने बताया कि अब तक 2300 किसानों ने 2000 बीघा में जूट की खेती के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया हैं. लक्ष्य 1200 बीघे का ही था. भारतीय पटसन निगम द्वारा 20 क्विंटल बीज वितरण के लिए संस्था को प्राप्त हुए हैं. एक बीघा के लिए एक किलो की दर से अनुदानित दर पर किसानों को वितरण करने का प्रावधान है. इस तरह से इस क्षेत्र में नकदी फसल की खेती आरंभ करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिये गये हैं. खलिहान के अध्यक्ष शांति देवी और सचिव गया सिंह ने बताया कि गेहूं काटने के तुरंत बाद जूट के बीज बो दिए जाएंगे और धान रोपने के समय उसे काट लिए जायेंगे. उस समय बारिश का मौसम हो जाता है, इसलिए तालाबों, गड्ढों में उसे कुछ दिनों के लिए डाल दिया जायेगा. उसके बाद प्राप्त रेशे को संस्था द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद होगी. इस प्रकार स्पष्ट है कि किसानों को बिना किसी अन्य फसल का नुकसान के अतिरिक्त लाभ का मौका मिलेगा. पर्यावरणीय महत्व की जानकारी देते हुए शिक्षक अंबुज कुमार ने कहा कि इसके पत्ते जब खेतों में गिरेंगे तो उत्तम कोटि के खाद बनेंगे. यह धान की फसल के लिए भी वरदान होगा.
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