औरंगाबाद (कोर्ट)औरंगाबाद मंडल कारा में विचाराधिन बंदियों का 15 दिवसीय धरना मंगलवार को भी जारी रहा. 12वें दिन बंदी अवधेश यादव की अध्यक्षता में विभिन्न वक्ताओं ने धरने को संबोधित किया. बंदी सुजीत पाठक ने धरने के माध्यम से सरकार, प्रशासन व बुद्धिजीवियों समेत तमाम देशवासियों से सवाल किया कि यदि इरोम शर्मिला आपकी बेटी होती तो आप क्या करते? उन्होंने कहा कि राज्य से लेकर केंद्र तक की सरकार बदली. लेकिन, किसी ने इरोम शर्मिला की सुध तक नहीं ली. उसकी मांगों को पूरा करने की पहल तो दूर की बात है. चार नवंबर वर्ष 2000 को एक आदिवासी महिला इरोश शर्मिला अपने राष्ट्रीयता के सवाल पर वर्तमान मणिपुर सरकार को चेताते हुए एक काले कानून सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम(अफसपा) के खिलाफ आंदोलन शुरू की थी. वर्तमान सरकार ने इसे महज एक साधारण विरोध समझ अनदेखी कर दी. पर, इरोम शर्मिला का वह धरना आज भी अनवरत रूप से जारी है. इस बीच उसका शोषण व दमन भी किया गया. इसके विरोध में बंदियों ने अपना समर्थन देते हुए औरंगाबाद मंडल कारा से अपनी आवाज बुलंद की है. धरना को प्रमोद मिश्रा, नथुली मिस्त्री, नेपाली यादव, विवेक यादव सहित अन्य बंदियों ने संबोधित किया और अपनी 20 सूत्री मांगों को पूरा करने की अपील की.
BREAKING NEWS
Advertisement
मंडल कारा में बंदियों का धरना जारी
औरंगाबाद (कोर्ट)औरंगाबाद मंडल कारा में विचाराधिन बंदियों का 15 दिवसीय धरना मंगलवार को भी जारी रहा. 12वें दिन बंदी अवधेश यादव की अध्यक्षता में विभिन्न वक्ताओं ने धरने को संबोधित किया. बंदी सुजीत पाठक ने धरने के माध्यम से सरकार, प्रशासन व बुद्धिजीवियों समेत तमाम देशवासियों से सवाल किया कि यदि इरोम शर्मिला आपकी बेटी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement