औरंगाबाद कार्यालय : जदयू से गंठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने मंगलवार को विश्वासघात दिवस मनाया. इस दौरान भाजपा के बिहार बंद का औरंगाबाद में व्यापक असर दिखा.
इस बंद में भाजपा कार्यकर्ता तो थे ही इनके साथ व्यवसायी वर्ग भी सड़क पर उतर गये थे. भाजपा कार्यकर्ता तो पौ फटते ही अपने घर से निकल पड़े. सुबह के सात बजते ही इनकी हुजूम रमेश चौक पर जुटने लगी और बाजार बंद कराने का सिलसिला यही से शुरू हो गया.
भाजपा कार्यकर्ता टोलियों में बंट कर शहर और सड़क की ओर चल पड़े. बाजार बंद करानेवाले कार्यकर्ताओं का नेतृत्व स्वयं जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने किया. एक बड़े आकार का पार्टी का झंडा लिये जिलाध्यक्ष आगे-आगे चल रहे थे और उनके पीछे सैकड़ों कार्यकर्ता चल रहे थे.
कई स्थानों पर आगजनी
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने के दौरान शहर के कई स्थानों पर आगजनी की. कई टोलियों में बंटे भाजपा कार्यकर्ता शहर में घूमने के दौरान सब्जी मंडी, जामा मसजिद और रमेश चौक के समीप सड़क पर आग जला कर विरोध जताया.
फंसे रहे हजारों यात्री
जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों तक भाजपा के बंद का व्यापक का असर दिखा. औरंगाबाद शहर के रामाबांध बस स्टैंड से खुलने वाली यात्री बसें नहीं चली. इससे बस स्टैंड में हजारों यात्री फंसे रहे.
इन यात्रियों में रांची, टाटा, धनबाद, बोकारो, डाल्टेनगंज, पटना जाने वाले अधिकांश यात्री थे जो अपने घर से किसी तरह बस स्टैंड तो पहुंचे थे, लेकिन इन्हें यहां बंद का शिकार होना पड़ा. बस स्टैंड पर फंसे हुए यात्रियों में छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं थी. इन्हें धूप का सामना करना पड़ रहा था.
कुछ यात्री तो बंद खत्म होने के बाद खुलने वाली वाहन से यात्रा करने के इंतजार में रूकने की बात कर रहे थे, तो कुछ घर लौट जाने की. दानी बिगहा बस स्टैंड से भी वाहनों का परिचालन नहीं हुआ. खासकर यहां से जिला मुख्यालय के प्रमुख रेलवे स्टेशन अनुग्रह नारायण रोड जाने वाले वाहन भी नहीं चले. इससे रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा.