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कहीं मित्रता व जान-पहचान में गाड़ी देना साबित न हो जाये नुकसानदेह!

औरंगाबाद : औरंगाबाद शहर में वाहन चोरी की घटनाएं अब नासूर बन गयी हैं. हर दिन बाइक चोरी की घटना हो रही है. कोई ऐसा मुहल्ला नहीं है, जहां चोरी की घटनाएं नहीं हुई हों. सिर्फ तीन दिनों की बात करें, तो जागृति विहार कॉलोनी, गायत्री नगर, मधुकर कॉलोनी में बाइक चोरी की घटनाएं हुई […]

औरंगाबाद : औरंगाबाद शहर में वाहन चोरी की घटनाएं अब नासूर बन गयी हैं. हर दिन बाइक चोरी की घटना हो रही है. कोई ऐसा मुहल्ला नहीं है, जहां चोरी की घटनाएं नहीं हुई हों. सिर्फ तीन दिनों की बात करें, तो जागृति विहार कॉलोनी, गायत्री नगर, मधुकर कॉलोनी में बाइक चोरी की घटनाएं हुई हैं.

इन तीनों मामलों में क्रमश: मनीष कुमार, रंजीत कुमार और कामता प्रसाद सिंह ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. इनकी बाइक बरामद होगी भी या नहीं यह पुलिस के पदाधिकारियों को भी पता नहीं है.
वैसे भी चोरी गये तमाम वाहनों को धंधेबाज शराब के कारोबार में उपयोग कर रहे है. पूर्व में बरामद हुए कुछ वाहनों के मामले के उद्भेदन के दौरान शराब के धंधे में वाहनों का उपयोग करने का मामला भी उजागर हुआ था. अब तो वाहन चोरों ने चोरी का नया तरीका भी इजाद कर लिया है.
चलते फिरते वाहनों पर नजर दौड़ाकर चाबियां बना ले रहे है और फिर आराम से उसे चुरा लेते है. इस काम में वाहन मालिक के जान पहचान वाले या मित्र या रिश्तेदार चोरों के सहयोगी के तौर पर काम कर रहे है. वैसे इस तरह के कई मामले पुलिस के पास पहुंच भी चुके है. इसलिए वाहन मालिकों को सावधान होने की जरूरत है.
चोरी के वाहनों से हो रहा शराब का धंधा
औरंगाबाद जिले से चोरी गये अधिकतर वाहनों से शराब का धंधा हो रहा है. ऐसा इसलिए कि धंधेबाजों को कम से कम नुकसान हो. सूत्रों से पता चला कि शराब के धंधेबाज चोरी की गाड़ी औने-पौने दाम में भी खरीद रहे हैं. ऐसे में शातिर चोर ही नहीं, बल्कि कम उम्र के युवक पैसे की लालच में चोरी की घटना का अंजाम दे रहे हैं.
ऐसा नहीं कि सिर्फ औरंगाबाद जिले में शराब के लिए वाहनों की चोरी हो रही है. अन्य जिलों से भी धंधेबाज चोरी का वाहन खरीदकर शराब की सप्लाई कर रहे हैं. औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों के अलावा उत्पाद विभाग के डीपो में भी शराब के धंधे में पकड़े गये चोरी के वाहन सड़ रहे हैं.
मालिकों को सतर्कता बरतने की जरूरत
चोरों के नये तरीके से बचने के लिए वाहन मालिकों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. दोपहिया या चारपहिया वाहन मालिक अपने वाहन को अगर किसी रिश्तेदार, मित्र या जान पहचान वालों को कुछ क्षण के लिए देना भी चाह रहे हो तो वे सावधान हो जाएं.
कुछ ही क्षण में आपके वाहन की चाबी तैयार हो जायेगी और फिर मौका मिलते ही आपका वाहन गायब हो जायेगा. इन घटना पर रोक लगाने या चोरी गये वाहनों को बरामद करने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. वाहन मालिक चोरी की घटनाओं को रोकने में कामयाब हो सकते है, बशर्ते उन्हें जागरूक होने की जरूरत है.
अनूप कुमार, एसडीपीओ

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