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जांच के लिए जहानाबाद डीडीसी की अध्यक्षता में बनायी गयी थी कमेटी

औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद जिले में कुछ दिन पूर्व हुई डीलर बहाली (जन वितरण प्रणाली) मामले में हाईकोर्ट ने मगध कमिश्नर को जांच का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट तौर कहा है कि दो माह में कमिश्नर नियमानुकूल जांच रिपोर्ट प्राप्त कर लें और फिर […]

औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद जिले में कुछ दिन पूर्व हुई डीलर बहाली (जन वितरण प्रणाली) मामले में हाईकोर्ट ने मगध कमिश्नर को जांच का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट तौर कहा है कि दो माह में कमिश्नर नियमानुकूल जांच रिपोर्ट प्राप्त कर लें और फिर जांच रिपोर्ट आने के बाद एक माह के भीतर अंतिम फैसला पारित करें.

ज्ञात हो कि मगध कमिश्नर ने अपने पत्रांक 254, दिनांक 11.3.2019 द्वारा डीलर बहाली की जांच के लिए एक कमेटी का गठन करते हुए तत्काल लाइसेंस निर्गत करने पर रोक लगा दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी,जिसमें बहाली का हवाला दिया गया था. इधर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश के बाद अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है. साथ ही जिन लोगों की बहाली नियमानुसार नहीं की गयी थी,उनके लिए भी एक परेशानी खड़ी हुई है.
यह भी ज्ञात हो कि डीलर बहाली की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब जिला प्रशासन द्वारा मेधा सूची का प्रकाशन किया गया था तो उसमें कुछ लोगों ने अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए मगध आयुक्त से चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया था. चयन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के खिलाफ लगातार कई स्तरों पर शिकायत की गयी थी. शिकायतकर्ताओं ने मगध आयुक्त से मिल कर पूरी स्थिति से अवगत कराया था,जिसके बाद आयुक्त ने संज्ञान लेते हुए चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और जांच के लिए जहानाबाद डीडीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी थी.
आयुक्त ने चयन में गड़बड़ी की जतायी थी आशंका: अभ्यर्थियों द्वारा डीलर बहाली की शिकायत मगध आयुक्त से किये जाने के बाद खुद आयुक्त ने भी चयन में गड़बड़ी की आशंका जतायी थी. मगध आयुक्त के सचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्र संचिका संख्या -2 आपूर्ति -1/19254 दिनांक 11 मार्च 2019 में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि औरंगाबाद निवासी कुमार शैलेंद्र सिंह,संतोष कुमार,अरविंद सिंह सहित 25 अन्य अभ्यर्थियों ने आवेदन सौंपते हुए पीडीएस दुकान के लिए चयन प्रक्रिया में व्यापक अनियमितता का आरोप लगाया है. इस आवेदन के आलोक में प्रथम दृष्टया पीडीएस दुकान की चयन प्रक्रिया में अनियमितता प्रतीत हो रही है, इसलिए इसकी जांच आवश्यक है.
अभ्यर्थियों ने की थी इस तरह की शिकायत
डीलर बहाली से वंचित हुए अभ्यर्थियों द्वारा अलग-अलग तरह की गड़बड़िया होने का आरोप लगाकर शिकायतें की गयी थी. अभ्यर्थियों का कहना था कि मेधा सूची में जिनका नाम एक नंबर पर है उसका भी चयन नहीं हुआ. कंप्यूटर टेस्ट भी नियम के खिलाफ हुआ .
बिहार जनवितरण प्रणाली नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों के लिए कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक है और इसमें उच्च योग्यताधारी को प्राथमिकता देना है,लेकिन ऐसा नहीं किया गया. रोस्टर में व्यापक अनियमितता बरती गयी. कंप्यूटर टेस्ट में सभी सवालों का सही जवाब देने के बावजूद चयन नहीं किया जाना अनियमितता का एक बड़ा सबूत है.

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