औरंगाबाद (ग्रामीण) : देश की सुरक्षा में लगे जवान सीमा पर अपनी जिंदगी न्योछावर कर देते हैं. लेकिन, जवानों के परिवार की सुरक्षा भगवान भरोसे है. औरंगाबाद शहर में सामान खरीदने आयी पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी में तैनात बीएसएफ के जवान दीपक कुमार सिंह की पत्नी प्रियंका देवी का पैसों से भरा बैग (पर्स) जेबकतरे ने उड़ा दिया.
यह घटना शनिवार की शाम में घटी है. प्रियंका देवी अपनी मां सुनीता देवी जो हरिहरगंज थाने के कटैया पंचायत के पंचायत समिति सदस्य है के साथ सामान खरीदने शहर में आयी थीं. उनके बैग में 14 हजार रुपये थे. दोनों मां-बेटी कपड़े की दुकान से एक हजार रुपये की एक साड़ी खरीदी, फिर पास के ही पुरानी सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने पहुंची.
इस दौरान जेबकतरे ने उनके थैले में ब्लेड मार कर बैग निकाल लिया. जब सब्जी खरीद कर पैसे देने के लिए बैग निकाली तो वह पर्स नहीं मिला. प्रियंका देवी ने बताया कि बैग में 13 हजार रुपये नकद, एक एटीएम कार्ड और एक मोबाइल भी था. इस घटना की सूचना नगर थाने की पुलिस को लिखित रूप से दी गयी, लेकिन पुलिस इस घटना से पूरी तरह इनकार कर गयी.
चोरी को गुम में बदलवाया
रुपये चोरी की घटना की लिखित शिकायत लेकर महिला के भाई पिंटू कुमार, निवासी संतोडीह टोला हैदरनगर, जिला पलामू (झारखंड) वर्तमान निवासी वीर कुंवर सिंह न्यू एरिया औरंगाबाद पहुंचा, तो वहां की पुलिस ने पहले ऐसी घटना होने से ही इनकार कर दिया.
बाद में लिखित आवेदन को पढ़ कर पुलिस के एक पदाधिकारी ने उक्त व्यक्ति पर बयान बदलने का दबाव डाला और कहा कि प्रियंका देवी का बैग चोरों ने नहीं काटा बल्कि, कहीं गुम हो गया. इसलिए चोरी की जगह पर गुम होने का आवेदन दीजिए. पुलिस के दबाव में प्रियंका देवी के भाई ने पुन: आवेदन लिखा और पुलिसिया झंझट से अपने आप को छुटकारा पाते हुए घर चला गया.
पुलिस के इस रवैये से एक बार फिर पुलिसिया रौब कायम हुआ है. पुलिस और पब्लिक के बीच आपसी भाईचारे को इस घटना ने कलंकित किया है. गुम होने के मामले में ही पुलिस क्या कार्रवाई करती है इसका इंतजार पीड़ित लोगों को है.