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Ara : पीरो शहर में शाम सात बजे से बड़े वाहनों की शुरू हो जाती है इंट्री

पीरो शहर में नो इंटी में शाम सात बजे से ही बड़े वाहनों की इंट्री से एक बार फिर सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है. प्रशासन की ओर से पीरो शहर में सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक नो इंट्री लागू है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण यहां नो इंट्री का निर्देश अब बेअसर साबित हो रहा है.

पीरो. शहर में बालू लदे बड़े वाहनों से आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाना लगाने के लिए प्रशासन की ओर से पीरो शहर में सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक नो इंट्री लागू की गयी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण यहां नो इंट्री का निर्देश अब बेअसर साबित हो रहा है. यहां सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक नो इंट्री है. इसके बावजूद यहां अक्सर दोपहर में भी बड़े वाहन शहर से गुजरते देखे जा सकते हैं. वहीं शाम आठ बजे के बजाय सात बजे से ही नो इंट्री अघोषित रूप से समाप्त हो जाती है और सात बजे के बाद से ही शहर में बड़े और बालू लदे वाहनों का लगातार गुजरना शुरू हो जाता है. शाम सात बजे बाजार में लोगों की भीड़ रहती है और ऐसे में आम लोगों को सड़क से गुजरने और सड़क पार करने में काफी परेशानी होने लगती है. बाजार में भीड़भाड़ के कारण यहां सड़क पर दुर्घटना होने की आशंका भी बढ़ जाती है. शादी-विवाह का समय होने के कारण अक्सर शहर में शाम सात बजे के बाद बड़े वाहनों की लंबी कतार लगने की वजह से जाम की स्थिति भी बन जाती है. सबसे ज्यादा खतरा पैदल चलने वालों और बाइक सवारों को होता है. पीरो शहर में लगातार हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मौत होने के बाद स्थानीय लोगों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया था, तब प्रशासन पीरो शहर में नो एंट्री लागू करने पर राजी हुआ था. शुरुआत में पीरो शहर में सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक पीरो शहर में बड़े वाहनों के लिए नो इंट्री का नियम लागू किया गया था. नियम के लागू होने के कुछ माह बाद ही कथित तौर पर राजस्व के कमी होने और ट्रक ऑनरों के अनुरोध के आलोक में भोजपुर के तत्कालीन डीएम के निर्देश पर पीरो में नो इंट्री के समय को घटा कर रात नौ बजे से सुबह आठ बजे तक कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद ट्रक चालकों द्वारा नो इंट्री के निर्देश की अनदेखी की जा रही है. पीरो में नो इंट्री के निर्देश के बेअसर होने में प्रशासनिक लापरवाही और उदासीनता का भी महत्वपूर्ण योगदान है. शहर को जाम से मुक्ति दिलाने और के लिए यहां बाइपास निर्माण की मांग काफी पहले से उठाई जाती रही है. बिहिया-बिहटा स्टेट हाइवे के निर्माण के बाद इस सड़क पर चलने वाले बालू लदे बड़े वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ गयी. शहर के बीचों बीच से होकर दिनभर गुजरते बड़े वाहनों और इनसे होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से त्रस्त लोगों ने उस समय भी बाइपास के निर्माण की मांग पुरजोर तरीके से उठायी थी. करीब एक वर्ष पूर्व भोजपुर के तत्कालीन डीएम राजकुमार ने पीरो में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीरो में बाइपास के निर्माण का कार्य जल्द शुरू कराने का आश्वासन भी दिया था.

फिर आंदोलन के मूड में जन संघर्ष समिति

पीरो में हर दिन नो इंट्री के नियम के हो रहे उल्लंघन से जन संघर्ष समिति पीरो के कार्यकर्ता और आम लोगों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है. जन संघर्ष समिति के अध्यक्ष मदन स्नेही ने कहा कि प्रशासन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाती तो एक बार फिर जन संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन होगा. समिति के अध्यक्ष की माने तो बगैर प्रशासन के मिलीभगत के ट्रक चालक इस प्रकार नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते. जब जब इस मामले को लेकर आवाज उठायी जाती है तब कुछ दिनों के लिए नो इंट्री का नियमानुसार पालन किया जाता है, लेकिन कुछ दिन बीतते ही फिर से ट्रकों की आवाजाही नो इंट्री के समय में भी होने लगती है. प्रशासन के इस रवैए से स्थानीय लोगों में आक्रोश और असंतोष बढ़ रहा है और इसको ले एक बार फिर लोग सड़क पर उतरने का मन बना रहे हैं.

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Prabhat Khabar News Desk
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