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छठ व्रत का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू

पूजन सामग्रियों की खरीदारी को लेकर श्रद्धालुओं ने दिख रहा उत्साह, नगर के घाटों की सफाई का है खस्ताहाल

आरा.

लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज एक अप्रैल से शुरू हो रहा है. ऐसे में व्रतियों से लेकर जिले के अन्य श्रद्धालुओं में काफी उत्साह का माहौल दिख रहा है. आज व्रती नहाय खाय के साथ छठ अनुष्ठान की शुरुआत करेंगे. वहीं, अभी तक नगर के छठ घाटों की सफाई नहीं की गयी है. प्रशासन अभी तक निष्क्रिय बना हुआ है. छठ व्रत को लेकर पूरा माहौल छठमय हो गया है. हर तरफ भगवान भास्कर के गीत सुनाई दे रहे हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ ऐसा पर्व है, जिसमें अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ देने की परंपरा है. पूरे जिले में छठ व्रत का माहौल बन गया है.

नगर के कई घाटों पर होती है पूजा :

चैती छठ में शारदीय छठ की अपेक्षा कम संख्या में व्रती छठ व्रत करते हैं. फिर भी विगत कई वर्षों से छठ व्रतियों की संख्या बढ़ते जा रही है. नगर के लगभग चार से पांच घाटों पर चैती छठ व्रत किया जाता है. इसके बावजूद इन घाटों की सफाई अभी तक नहीं की गयी है. चैती छठ के लिए सबसे अधिक घाटों पर हर तरफ गंदगी फैली हुई है. इससे छठव्रतियों को काफी परेशानी होगी. जबकि छठ व्रत में सफाई, शुद्धता एवं पवित्रता का सबसे अधिक महत्व होता है.

बाजार में है भीड़ भाड़ की स्थिति :

चैती छठ को लेकर पूजा सामग्रियों की खरीदारी को लेकर बाजारों में भीड़ की स्थिति है. दुकानदारों द्वारा पूजा सामग्रियों को काफी मात्रा में सजाया गया है, ताकि छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. मुख्य बाजार सहित मुहल्लों की दुकानों पर भी पूजा सामग्रियों का स्टॉक रखा गया है. छठ व्रतियों द्वारा पूजा की सामान की खरीदारी को लेकर बाजार में काफी भीड़ भाड़ की स्थिति है.पैर रखना मुश्किल हो रहा है.सभी बाजार छठ व्रत को लेकर पूजा के सामानों से पट गए हैं. वाहनों की कौन कहे पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है सभी दुकानों पर काफी संख्या में लोग पहुंच कर खरीदारी कर रहे हैं. शरीफा, संतरा, नारियल, ईख, गागल , अनानास सहित अन्य पूजा के सामानों की खरीदारी की जा रही है.तालाब में नहीं भरा गया है पानी : समाहरणालय छठ घाट पर तालाब में पानी लगभग सूख गया है. जबकि महज दो दिन छठ व्रत के लिए बच गये हैं. इसके बावजूद इस तालाब में पानी नहीं भरा जा रहा है. बिना पानी के छठव्रती कैसे छठ व्रत करेंगे. यह सोचनीय विषय है.

शहर से गांव तक आस्था के महापर्व की है धूम :

शहर से लेकर गांव तक पूरा वातावरण आस्था के रंग में रंग गया है. हर तरफ छठी मैया के गीत ही सुनाई दे रहे हैं. जिनके घर में छठ व्रत हो रहा है या फिर जिनके घर में नहीं हो रहा है,सभी एक सुर से भगवान भास्कर नाथ के व्रत को लेकर मानसिक रूप से रंगे हुए दिखाई दे रहे हैं. नहाय-खाय के दिन कद्दू खाने का महत्व : नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है.इस दिन प्रसाद के रूप में कद्दू-भात ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास पर रहती हैं.कद्दू खाने से शरीर को अनेक प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं.

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