मतगणना केंद्र पर सुरक्षा चाक-चौबंद 1500 से अधिक पुलिस फोर्स तैनात अररिया. विधानसभा चुनाव के बाद कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर में मतगणना को लेकर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा को लेकर मतगणना स्थल के सामने से रानीगंज जाने वाली सड़क मार्ग के रूट को डायवर्ट किया गया है. डीएम अनिल कुमार व एसपी अंजनी कुमार सहित अन्य पदाधिकारी लगातार मतगणना स्थल की सुरक्षा व्यव्स्था का जायजा लिया है. मतगणना स्थल को तीन लेयर सुरक्षा व्यवस्था बनाये गये हैं. लगभग 1500 से अधिक पुलिस व अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की गयी है. यातायात के सुगम संचालन के लिये मार्ग में अवस्थित रानीगंज बस स्टैंड से पश्चिम नहर के पुल के पश्चिम छोर पर व कृषि उत्पादन बाजार समिति के मुख्य द्वार से पश्चिम टेलिफोन एक्सचेंज कार्यालय के सामने एक-एक बेरियर लगाया गया है. इन दोनों बैरियर के बीच सड़क के दोनों किनारे पर बैरिकेडिंग किया गया है. मतगणना को लेकर सुरक्षा चाक-चौबंद है. 500 अतिरिक्त फोर्स है जिसकी तैनाती कि गयी है. इसे आलावा बीएसएफ के दो कंपनी है व एक एसएसबी की कंपनी पहले से तैनात है. साथ हीं सभी चौक चौहरे पर गश्ती बढ़ा दी गयी है. डीएम अनिल कुमार ने बताया कि मतगणना को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने विधि व्यवस्था की तैयारी कर ली गयी है. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि शांति बनाये रखेगें, जिस तरह से सभी ने मतदान के दिन शांति बनाया रखा था, ठीक उसी तरह शांति-व्यवस्था बनाये रखेगें. डीएम ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी तरह के विजयी जुलूस पर रोक है. उन्होेंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद विजयी जुलूस नही निकालें व विधि व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करें. विधानसभा चुनाव मतगणना को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने व कड़ी सुरक्षा प्रबंधन के लिये विधि-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने लिए अररिया पुलिस पूरी तरह सक्रिय और सतर्क है. गुरुवार को पुलिस केंद्र पुलिस उपाधीक्षक फखरे आलम व पुलिस उपाधीक्षक सुधीर के नेतृत्व विधि व्यवस्था संधारण के लिये जिले में प्रतिनियुक्त बल को बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, लाठी व अन्य उपकरणों के साथ फुल ड्रेस रिहर्सल कराया गया. ताकि मतगणना के समय किसी भी आपात स्थिति से आसानी से निबटा जा सकें.34.35.36 आबिदुर्रहमान के परिवार की राजनीतिक पृष्टभूमि रही है मजबूत अररिया. अररिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से दो बार चुने गये विधायक आबिदुर्र रहमान की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति से जुड़ा रहा है. जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे हैं. उन्होंने 2015 व 2020 दोनों बार अररिया से विधायक पद का चुनाव जीता है. जिससे उनके समुदाय का मजबूत समर्थन उन्हें प्राप्त होता है. आबिदुर रहमान राजनेता के साथ-साथ, एक किसान भी हैं. उनका व्यक्तित्व एक दमदार छवि की है. जो उनकी लगातार जीत अररिया में उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है. उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति से जुड़ा रहा है. विधायक आबिदुर रहमान के पिता मोईद उर रहमान भी दो बार जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. उस समय उनका पंचायत जोकीहाट विधानसभा के अंतर्गत आता था. विधायक बनने के बाद उन्हें बिहार सरकार में मंत्री बनने का भी मौका मिला. मोईद उर रहमान, मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह व जगन्नाथ मिश्रा के कार्यकाल में मंत्री भी रहें. मोईद उर रहमान का जन्म अररिया जिले के चंद्रदेई गांव में हुआ. उनके पिता का नाम जिया उर रहमान है. उनके बेटे का नाम आबिदुर रहमान है. जो अररिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधायक चुने गये हैं. मोईद उर रहमान की राजनीति छवि शालीनता व सरलता की पहचान रही. वे अपने विरोधियों से भी प्यार करते थे. उन्हें विरोध करने का गुण भी बताते थे. यही कारण रहा कि विरोधी भी उनसे चुनाव जीतने या हारने के बाद मिलने पहुंचते थे. मोईद उर रहमान का निधन 31 अगस्त 2015 में हुआ. वे जोकीहाट विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1980 के दशक में इस सीट से जीत हासिल की थी. ———- चुनाव परिणाम को लेकर जीत- हार का मंथन शुरू फारबिसगंज. विधानसभा चुनाव की वोटिंग शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों की जीत-हार की समीक्षा शहर के चौक-चौराहों से लेकर प्रत्याशियों के कार्यालय में लगातार जारी है. ग्रामीण क्षेत्र की गलियों व चौपालों, खेत-खलिहान में भी चर्चा हो रही है. विभिन्न दलों के समर्थक अपने प्रत्याशी की जीत के दावे करने में थोड़ा भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. फारबिसगंज विधानसभा के प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में बंद हो चुकी है, जो अब शुक्रवार को मतगणना के बाद खुलेगा. राजनीतिक गणित के आधार पर जीत-हार का फैसले करते हुए एक-दूसरों के साथ चर्चाओं में मशगूल हैं. जानकारों की मानें तो इस को लेकर सट्टा बाजार भी गर्म है. सभी लोग अपने-अपने समर्थित उम्मीदवार की जीत बता रहे हैं. कोई मुस्लिम, महिलाओं मतदाताओं के जोरदार मतदान तो कोई मतों के बिखराव और अगड़ी व पिछड़ी जातियों की गोलबंदी होने की बात बता रहे हैं. वहीं जीत के लिए बाजियां भी लगायी जा रही है, क्योंकि इस चुनाव में लंबे समय तक मतदाताओं की चुप्पी ने प्रत्याशियों की भी बेचैनी बढ़ा रखी है. मतदान होने के साथ हीं जीत व हार के मंथन का दौर शुरू हो गया है. भाजपा प्रत्याशी व निवर्तमान विधायक जनसंपर्क कार्यालय में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का आने का सिलसिला जारी है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के घर भी हार-जीत का आकल किया जा रहा है. 32,33 ————- आधी आबादी ने पुरुषों से अधिक किया मतदान फारबिसगंज. फ़ारबिसगंज विधान सभा में महिला मतदातों ने पुरुष मतदातों को पीछे छोड़ दिया. जानकारी के मुताबिक फ़ारबिसगंज विधान सभा क्षेत्र में कुल 03 लाख 59 हजार 823 मतदाता हैं जिसमें 01 लाख 87 हजार 531 पुरुष व 01 लाख 72 हजार 283 महिला मतदाता हैं. वहीं अन्य मतादाता की संख्या 09 है. कुल 3,59,823 मतदाताओं में 02 लाख 50 हजार 818 मतदातों ने मताधिकार का प्रयोग किया अर्थात 69.71 प्रतिशत मतदान हुआ. जहां 66.4 प्रतिशत अर्थात 01 लाख 23 हजार 840 पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं 73.70 प्रतिशत अर्थात 01 लाख 26 हजार 978 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के महा पर्व में अपनी भागीदारी अधिक दिखाई. पुरुष मतदातों की अपेक्षा महिला मतदाताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया व 73.70 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. बहरहाल बातें जो भी हो मगर लोकतंत्र के महा पर्व में आधी आबादी महिला मतदाताओं के द्वारा बढ़ चढ़ कर मतदान करने के जानकारी मिलने के बाद प्रत्याशियों व समर्थकों को चुनावी गणित को सुलझाने में काफी माथा पच्ची करते देखा जा रहा है.
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