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रेलवे ट्रैक पर 10 घंटे तक पड़ा रहा बीएसएफ जवान का शव

रेलवे ट्रैक पर 10 घंटे तक पड़ा रहा बीएसएफ जवान का शव 10 घंटे में दर्जनों ट्रेन गुजरती रही, किसी ने नहीं ली शव की सुधिमृतक जवान की पहचान विकास कुमार सिंह 28 वर्ष पिता फूल सिंह डाटोली दुधवा भिवानी हरियाणा निवासी के रूप में की गयी.प्रतिनिधि 4 किशनगंजस्थानीय बीएसएफ कैंप के निकट मानवता को […]

रेलवे ट्रैक पर 10 घंटे तक पड़ा रहा बीएसएफ जवान का शव 10 घंटे में दर्जनों ट्रेन गुजरती रही, किसी ने नहीं ली शव की सुधिमृतक जवान की पहचान विकास कुमार सिंह 28 वर्ष पिता फूल सिंह डाटोली दुधवा भिवानी हरियाणा निवासी के रूप में की गयी.प्रतिनिधि 4 किशनगंजस्थानीय बीएसएफ कैंप के निकट मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना के घटित होने के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गयी. दरअसल, रेल पुलिस की संवेदनहीनता के कारण एक बीएसएफ जवान का शव लगभग 10 घंटे तक रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा और रेल पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी रही. इस दौरान एनजेपी किशनगंज रेल खंड होकर गुजरने वाले दर्जनों रेल गाड़ियां मृतक जवान के शव के ऊपर से गुजरती रही नतीजतन जवान के शव के चिथड़े उड़ते रहे. आखिरकार शुक्रवार प्रात: घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को मिलने के बाद घटना स्थल पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने मृतक के शव के टुकड़ों को इकट्ठा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सदर अस्पताल भेज दिया. स्थानीय पुलिस द्वारा तलाशी के क्रम में बरामद कागजातों के आधार पर मृतक जवान की पहचान विकास कुमार सिंह 28 वर्ष पिता फूल सिंह डाटोली दुधवा भिवानी हरियाणा निवासी के रूप में की गयी. 080050274 नंबर का मृतक जवान विकास बीएसएफ 148वीं वाहिनी के इको ब्रांच में तैनात था तथा उसकी पदस्थापना आइजोल मिजोरम में थी. गत छह अप्रैल को विकास एक माह की छुट्टी पर ब्रह्मपुत्र मेल से दिल्ली होते हुए अपने घर की यात्रा पर निकला था. परंतु स्थानीय बीएसएफ कैंप के निकट पिलर संख्या 85/4-5 के बीच शायद वह ट्रेन से गिर गया होगा और उसकी मौत हो गयी होगी. परंतु डाउन उत्तरबंग एक्सप्रेस के चालक द्वारा स्थानीय रेल पुलिस को गुरुवार देर संध्या ही मेमो देकर रेलवे ट्रैक पर शव के पड़े रहने की जानकारी दिये जाने के बाद भी रेल पुलिस पूरे मामले में उदासीन बनी रही. शुक्रवार प्रात: 7.30 बजे रेल पुलिस द्वारा स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी दिये जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने मृतक बीएसएफ जवान के शव को बरामद कर स्थानीय खगड़ा स्थित बीएसएफ हेड क्वार्टर के साथ साथ मिजोरम आइजोल स्थित बीएसएफ उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दिये जाने के बाद खगड़ा बीएसएफ हेड क्वार्टर से पहुंचे बीएसएफ अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करा उसे बीएसएफ अधिकारियों के हवाले कर दिया. यहां बताते चलें कि रेल पुलिस के ताजा नियमावली के अनुसार स्टेशन परिसर के साथ-साथ आउटर सिगनल टू आउटर सिगगनल व चलती रेल गाड़ी में हुए वारदात की जांच ही रेल पुलिस कर सकती है. जबकि शेष मामलों की जांच स्थानीय पुलिस को करनी पड़ेगी. परंतु इस मामले में गुरुवार देर संध्या ही रेल पुलिस को घटना की जानकारी मिलने के बाद भी रेल पुलिस ने घटना के 10 घंटे बाद स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी दी थी. नतीजतन देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक न्योछावर कर देने वाले बीएसएफ जवान का शव 10 घंटे तक लावारिस ही रेल पटरी पर पड़ा रहा और इस दौरान दर्जनों रेल गाड़ियां उसके शव को रौंदते हुए गुजरती रही.

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