संजय कुमार झा, अररिया : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को जीवन का कौशल विकास, आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास बढ़ाने, तनाव, भय व संकोच के साथ मनोविकारों को दूर भगाने लिए स्कूल में यूथ व इको क्लब का गठन किया जायेगा. जिससे विद्यार्थी रचनात्मक गतिविधि से जुड़ेंगे. इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी स्कूलों का बजट भी अनुमोदित कर दिया है. इस मंच से विद्यार्थी अपने अभिभावक, पड़ोस व समुदाय को पर्यावरण व जैव विविधता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के तरीके बतायेंगे.
साथ ही पर्यावरण गतिविधियों के प्रोजेक्ट बनाने का कार्य स्वच्छता कार्यक्रम चलाना, बच्चों के नाखून, बाल आदि की प्रार्थना सभा में जांच भी इको क्लब के साथ मिलकर करेंगे. यूथ क्लब की ओर से खेल व शारीरिक गतिविधियों का आयोजन कराया जायेगा. इसमें योग, ड्रामा, वाद-विवाद, संगीत कला, सांस्कृतिक गतिविधियां, रीडिंग भाषण, निबंध लेखन, पत्र लेखन, पोस्टर बनवाने, साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी किया जायेगा. इसके लिए सरकार हर प्राथमिक स्कूल को 5 हजार व उच्च प्राथमिक को 15 हजार रुपये प्रदान करेगी.
जिले के करीब 50 फीसदी स्कूल ऐसे हैं जिनके पास खेल के लिए मैदान, पुस्तकालय, संगीत कक्ष सभागार आदि सुविधाएं पहले से मौजूद हैं. लेकिन अधिकांश स्कूलों में यह सुविधाएं बच्चों के किसी काम नहीं आ रही हैं. अब सरकार ने इन सुविधाओं को बेहतर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. यह क्लब स्कूल में खेल, संगीत, पुस्तकालय व कला से संबंधित गैर शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करेंगे. साथ ही इस धनराशि से स्कूलों में पोषण उद्यान के रूप में जैविक सब्जियां उगायी जायेंगी. उन सब्जियों को स्कूल के मिड डे मील में पकाकर बच्चों को दी जायेगी. क्लब द्वारा स्कूल परिसर में फलदार, औषधीय पौधे लगाये जायेंगे. साथ ही गांव में कूड़ा प्रबंधन, जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन, पोषण, स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रम भी क्लब आयोजित करेगा.