9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले में मलेरिया ने दी दस्तक, सक्रिय है स्वास्थ्य विभाग

हेमंत कुमार हीरा, अररिया : जिले में मलेरिया के मरीज मिलने शुरू हो गये हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग भी काफी सक्रिय है. यह तो समय बतायेगा. बताया जाता है कि 2017 से पूर्व अररिया जिला को मलेरिया मुक्त घोषित कर दिया गया था. लेकिन स्वास्थ विभाग द्वारा सक्रिय होने के बाद 2018 से मलेरिया […]

हेमंत कुमार हीरा, अररिया : जिले में मलेरिया के मरीज मिलने शुरू हो गये हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग भी काफी सक्रिय है. यह तो समय बतायेगा. बताया जाता है कि 2017 से पूर्व अररिया जिला को मलेरिया मुक्त घोषित कर दिया गया था. लेकिन स्वास्थ विभाग द्वारा सक्रिय होने के बाद 2018 से मलेरिया का मरीज मिलना फिर से शुरू हो गया है.
इसके लिए मलेरिया मरीजों के लिए जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में जांच व नि:शुल्क दवा दी जाती है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार अररिया में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कराये गये जांच के बाद इस वर्ष अब तक 12 मरीज मिले हैं. बताया जाता है कि 2017 से पूर्व अररिया जिला में मलेरिया के मरीज नहीं मिले थे. इस कारण जिला को मलेरिया मुक्त घोषित कर दिया गया था.
2017 के बाद मलेरिया के मरीज मिलने शुरू हुए. 2017 में कुल पांच मलेरिया के मरीज मिले थे. जबकि 2018 में कुल 16 मरीज मिले. इस वर्ष 12 मरीज मलेरिया के मिल चुके हैं. जिसमें जोकीहाट में सबसे अधिक मलेरियाग्रस्त मरीज मिलने की बात सामने आई है.
क्या है मलेरिया : मलेरिया एक ऐसा रोग है जो मादा ‘एनोफिलीज’ नामक मच्छर के काटने से फैलता है. यह मच्छर गंदे व दूषित पानी में पनपते हैं, जो उड़कर हम तक पहुंचते हैं. डेंगू के मच्छर के काटने का समय जहां सूर्यास्त से पहले होता है वहीं, मलेरिया फैलाने वाले मच्छर सूर्यास्त के बाद काटते हैं. जिससे लोगों को मलेरिया बुखार हो जाता है.चिकित्सकों के अनुसार मलेरियाग्रस्त व्यक्ति यदि इलाज को लेकर जरा सी भी चूक करता है तो वह अन्य बिमारियों के चपेट में आ सकता है.
जिसमें से एक है मस्तिष्काघात. मलेरिया के दौरान मस्तिष्क‍ पर प्रभाव पड़ना या दिमागी रूप से विकार पैदा होना भी एक समस्या है. मलेरिया का प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम रूप सबसे खतरनाक होता है.
यदि मलेरिया प्लामज्मोडियम के परजीवी दिमाग में पहुंच जाते हैं तो मलेरियाग्रस्त व्‍यक्ति को ब्रेन हैमरेज हो सकता है. मलेरिया के कीटाणु प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम का शरीर पर इतना प्रभाव पड़ता है कि इससे मनुष्य न सिर्फ अपनी याददाश्त खो सकता है. बल्कि चक्कर आने व बेहोशी की हालात का भी शिकार हो सकता है.
दरअसल मस्तिष्क मलेरिया एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें परजीवी मस्तिष्क के ऊत्तकों के जरिए रक्त पहुंचाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं. इसकी जांच करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि मरीज या तो बेहोश हो सकता है या वह गंभीर रूप से बीमार हो सकता है.
मलेरिया के लक्षण : सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना या जी मचलना, हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना, कमजोरी व थकान महसूस होना, शरीर में खून की कमी होना, आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना, पसीना निकलने पर बुखार कम होना, तेज बुखार सहित फ्लू जैसे लक्षण सामने आना, ठंड के साथ जोर की कंप-कंपी होना, कुछ देर बाद नॉर्मल होना.
मलेरिया से बचने के लिये इन बातों को रखना होगा ध्यान : स्वास्थ विभाग के कर्मी सुरेंद्र बाबू ने बताया कि मलेरिया होने का यह मुख्य कारण है. इसके लिए लोगों को घर व घर के आस-पास बने गड्ढे, नालियों, बेकार पड़े खाली डब्बा पानी की टंकियां, गमलों, टायर, ट्यूब में पानी एकत्रित न होने द

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें