नयी दिल्ली : केरल के खेल मंत्री ईपी जयराजन फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनपर भारत के लिए ओलंपिक पदक हासिल कर चुकी और अर्जुन पुरस्कार विजेता अंजू बाबी जार्ज ने गंभीर आरोप लगाया है. हालांकि केरल के खेल मंत्री कोई पहली बार विवादों में नहीं हैं, बल्कि इससे पहले भी वो […]
नयी दिल्ली : केरल के खेल मंत्री ईपी जयराजन फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनपर भारत के लिए ओलंपिक पदक हासिल कर चुकी और अर्जुन पुरस्कार विजेता अंजू बाबी जार्ज ने गंभीर आरोप लगाया है. हालांकि केरल के खेल मंत्री कोई पहली बार विवादों में नहीं हैं, बल्कि इससे पहले भी वो विवादों में फंस चुके हैं.
दुनिया के महान मुकेब्बाज मोहम्मद अली जो अब हमारे बीच नहीं हैं, उनको जब पूरी दुनिया श्रद्धांजलि दे रही थी, तो केरल के खेल मंत्री भी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने भी अली को श्रद्धांजलि दी. खेल मंत्री ने श्रद्धांजलि तो दे दी लेकिन ये भूल गये कि अली कौन हैं. उन्होंने सार्वजनिक मंच से अली को केरल का खिलाड़ी करार दे दिया. फिर क्या था मंत्री की भूल मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगी. मंत्री विवादों में आ गये.
इस बार उनपर भारत की महान महिला एथलिट अंजू बॉबी जार्ज ने अपमान करने का आरोप लगा दिया और उसने केरल के मुख्यमंत्री से शिकायत मंत्री की शिकायत भी कर दी.
अंजू ने क्या लगाया है खेल मंत्री पर आरोप
वर्ष 2003 में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक जीतकर इतिहास रचने वाली अंजू ने कहा कि नयी राज्य सरकार के सत्ता में आने के बाद वह सात जून को परिषद के उपाध्यक्ष के साथ खेल मंत्री से मिलने गयी थी. अंजू को पिछली यूडीएफ सरकार ने परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया था. उन्होंने मंत्री का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने सोचा कि वह केरल में खेलों के स्तर के बारे में हमसे बात करेंगे.
पहली ही बैठक में मंत्री ने कहा कि आप सभी को पिछले मंत्रालय ने सदस्य चुना है. इसलिये आप सभी दूसरी पार्टी के सदस्य हो. आप जो भी नियुक्तियां और तबादले कर रहे हो, गैर कानूनी हैं. ‘ एथलीट ने कहा कि परिषद की बैठक में शिरकत लेने के लिये उनके द्वारा बेंगलुरु से तिरुवनंतपुरम तक लिये गये फ्लाइट टिकट पर भी मंत्री ने आपत्ति जतायी. मंत्री ने उनसे कहा कि ‘यह नियमों के खिलाफ है. मैं इन सब चीजों को रोक सकता हूं’. ‘‘मंत्री ने कहा कि यह सब भ्रष्टाचार है. ‘ अंजू ने कहा, ‘‘हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. अगर सरकार इसे स्वीकार करने के लिये तैयार नहीं हैं तो वे हमें छोड़ने के लिये कह सकते हैं. लेकिन हमें भ्रष्टाचारी कहना स्वीकार्य नहीं है.