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ओलंपिक से पहले भारतीय हॉकी टीम के लिए हार्ड टेस्ट : श्रीजेश

नयी दिल्ली : अपने अर्जुन पुरस्कार को पूरी भारतीय हाॅकी टीम का बताते हुए गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि इससे उन्हें आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा खेलने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन रियो ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन के लिए उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक ‘हार्ड टेस्ट’ से गुजरना होगा. इस साल अर्जुन पुरस्कार के […]

नयी दिल्ली : अपने अर्जुन पुरस्कार को पूरी भारतीय हाॅकी टीम का बताते हुए गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि इससे उन्हें आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा खेलने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन रियो ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन के लिए उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक ‘हार्ड टेस्ट’ से गुजरना होगा. इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गये श्रीजेश ने कहा , ‘यह पुरस्कार सम्मान के साथ जिम्मेदारी का भी अहसास दिलाता है.

हाकी टीम का खेल है और यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरी टीम का पुरस्कार है क्योंकि मैं अकेले देश के लिए पदक नहीं जीत सकता. इससे हमारी पूरी टीम को अच्छे प्रदर्शन की प्रेरणा मिलेगी.’ भारत के लिए 121 मैच खेल चुके केरल के इस खिलाड़ी ने अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई लेकिन कहा कि इसके लिए बड़ी टीमों के खिलाफ ज्यादा मैच खेलने होंगे. भारतीय टीम सितंबर में न्यूजीलैंड से टेस्ट श्रृंखला खेलेगी जबकि अक्तूबर नवंबर में आस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगी. इसके बाद दिसंबर में विश्व हाकी लीग के फाइनल में हिस्सा लेगी.

श्रीजेश ने कहा ,‘ हम विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर है और रातोरात विश्व चैंपियन नहीं बन सकते लेकिन हमारी टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है. इसके लिए ओलंपिक से पहले हमें शीर्ष टीमों से अधिक मैच खेलने होंगे. आधुनिक हाकी में कोई टीम अपराजेय नहीं है. किन पहलुओं पर खास मेहनत करने की जरूरत है, यह पूछने पर श्रीजेश ने कहा कि मानसिक रूप से अधिक दृढ होना होगा और यह ‘हार्ड टेस्ट’ से ही आयेगा.

उन्होंने कहा , ‘निर्णायक क्षणों में सही फैसले लेना, लगातार अच्छा प्रदर्शन करना और दबाव के आगे घुटने टेकने से बचना जरूरी है. हमें बडे मैचों का दबाव झेलने की आदत डालनी होगी और यह लगातार बडे मैच खेलने से ही आयेगा. इसी वजह से अगले साल ओलंपिक से पहले हमें अधिक हार्ड टेस्ट देने की जरूरत है. टीम की ताकत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि खिलाडियों का आपसी तालमेल जबर्दस्त है और करीब दो साल से साथ होने की वजह से सभी एक दूसरे को बखूबी समझते हैं जिसका फायदा मैदान पर मिलेगा.

यह पूछने पर कि टैरी वाल्श और फिर पाल वान ऐस की कोच के पद से विवादास्पद रवानगी का असर क्या टीम के प्रदर्शन पर असर पडेगा, श्रीजेश ने ना में जवाब दिया. उन्होंने कहा , ‘खिलाडी इतने परिपक्व है कि मैदान से बाहर के घटनाक्रम का उन पर असर नहीं पडता. हम सिर्फ मैदान पर और अपने प्रदर्शन पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि हमें पता है कि ओलंपिक हमारे लिए कितना अहम है.’

भारतीय हाकी टीम के पूर्व गोलकीपर एड्रियन डिसूजा को अपना आदर्श मानने वाले श्रीजेश ‘भारतीय हाकी की दीवार’ कहे जाने पर काफी सम्मानित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा , बचपन से हम राहुल द्रविड को ‘भारतीय क्रिकेट की दीवार’ सुनते आये हैं और जब लोग मुझे ‘भारतीय हाकी की दीवार’ कहते हैं तो बहुत अच्छा लगता है. द्रविड एक लीजैंड हैं और उनसे तुलना होना किसी भी खिलाडी के लिए फख्र की बात है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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