टेनिस के ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिताओं में से एक है फ्रेंच ओपन. इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष होता है. इस बार यह प्रतियोगिता 24 मई से शुरू होगी और इसका समापन सात जून को होगा. टेनिस के सम्मानित चार ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिताओं मे अमेरिकन ओपन, फ्रेंच ओपन ,ऑस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन शामिल है. इस प्रतियोगिता में […]
टेनिस के ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिताओं में से एक है फ्रेंच ओपन. इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष होता है. इस बार यह प्रतियोगिता 24 मई से शुरू होगी और इसका समापन सात जून को होगा. टेनिस के सम्मानित चार ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिताओं मे अमेरिकन ओपन, फ्रेंच ओपन ,ऑस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन शामिल है. इस प्रतियोगिता में पुरूष एकल, महिला एकल, मिश्रित युगल, महिला डबल्स और पुरूष डबल्स प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा. वर्ष 2015 में इस प्रतियोगिता की पुरस्कार राशि में बढ़ोत्तरी की गयी है और अब यह 25,018900 यूरो हो गया है.
इस प्रतियोगिता में टेनिस के कई दिग्गज शामिल होंगे अगर बात महिला खिलाड़ियों की हो, तो इस बार खिताब की दावेदारों में सेरेना विलियम्स, सिमोना हालेप, मारिया शारापोवा और पैत्रा क्वितोवा हैं. इस महिला खिलाड़ियों रैंकिंग क्रमश: एक से चार तक है. लेकिन ऐसी प्रतियोगिताओं में रैंकिंग नहीं बल्कि परिस्थितियों के अनुसार खिलाड़ियों का प्रदर्शन मायने रखता है.फिर भी पिछले प्रदर्शन को देखते हुए, जिन खिलाड़ियों की दावेदारी मजबूत है, उनमें शामिल हैं :-
सेरना विलियम्स : फ्रेंच ओपन में सेरेना का प्रदर्शन अच्छा रहा है, सेरेना ने अबतक दो बार वर्ष 2002 और 2013 में फ्रेंच ओपन का एकल खिताब जीता है. साथ ही दो बार 1999 और 2010 में अपनी बहन वीनस विलियम्स के साथ डबल्स का खिताब अपने नाम किया है.
सिमोना हालेप : विश्व रैंकिंग में नंबर दो की खिलाड़ी सिमोना ने अभी तक एक बार भी फ्रेंच ओपन का खिताब नहीं जीता है, पिछली बार वह रनरअप रहीं थी और मारिया शारापोवा के साथ उनकी भिड़ंत हुई थी.
मारिया शारापोवा : रूस की ग्लैमरस खिलाड़ी मारिया शारापोवा अबतक तीन बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंचीं हैं और दो बार उन्हें खिताब जीतने का मौका मिला है.मारिया ने वर्ष 2012 और 2014 में खिताब अपने नाम किया जबकि 2013 में वह रनरअप रहीं थीं.
पैत्रा क्वितोवा और आना इवानोविक : पैत्रा ने अभी तक फ्रेंच ओपन का खिताब नहीं जीता लेकिन उनसे काफी उम्मीदें हैं. वहीं आना इवानोविक ने एक बार यह खिताब वर्ष 2008 में अपने नाम किया है.