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हॉकी फाइनल में हारा भारत

इपोह (मलेशिया): भारतीय टीम दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करने के बावजूद आज यहां नौवें एशिया कप हाकी टूर्नामेंट के फाइनल में दक्षिण कोरिया के खिलाफ 3 . 4 की शिकस्त के साथ अगले साल होने वाले विश्व कप में सीधे प्रवेश पाने में विफल रही.हालैंड के हेग में अगले साल होने वाले टूर्नामेंट में […]

इपोह (मलेशिया): भारतीय टीम दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करने के बावजूद आज यहां नौवें एशिया कप हाकी टूर्नामेंट के फाइनल में दक्षिण कोरिया के खिलाफ 3 . 4 की शिकस्त के साथ अगले साल होने वाले विश्व कप में सीधे प्रवेश पाने में विफल रही.हालैंड के हेग में अगले साल होने वाले टूर्नामेंट में सीधे प्रवेश के लिए भारत के लिए यह टूर्नामेंट जीतना जरुरी था। टीम को हालांकि मायूस होने की जरुरत नहीं है क्योंकि हार के बावजूद उसका विश्व कप में प्रवेश लगभग तय है.

कोरिया के चौथे खिताब से मलेशिया की 12 साल के बाद विश्व कप में वापसी तय हो गई है.भारत को एफआईएच विश्व कप में अपने प्रतिनिधित्व की आधिकारिक पुष्टि के लिए अब नवंबर में होने वाले ओसियाना कप की समाप्ति का इंतजार करना होगा जिसमें आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के जीतने की संभावना है.आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पहले ही विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और ऐसे में इन दोनों में से किसी एक के टूर्नामेंट जीतने पर भारत को रिजर्व के तौर पर विश्व कप में जगह मिलेगी.

आज कोरिया की तरफ से जेंग जोंग ह्युन (28वें मिनट), यू ह्यो सिक (29वें मिनट), नैम ह्युन वू (57वें मिनट) और कैंग मून वियोन (68वें मिनट) में गोल दागे.भारत की तरफ से रुपिंदर पाल सिंह (48वें मिनट), निकिन थिमैया (57वें मिनट) और मनदीप सिंह (64वें मिनट) ने गोल किए.भारतीय टीम मध्यांतर तक दो गोल से पिछड़ रही थी. टीम ने दूसरे हाफ में जोरदार खेल दिखाया लेकिन इसके बावजूद हार को नहीं टाल सकी.

कोरिया ने इसके साथ ही पूल चरण में सरदार सिंह की अगुआई वाली टीम के हाथों 0 . 2 की हार का बदला चुकता कर लिया.वर्ष 2009 में पिछले टूर्नामेंट में सातवें स्थान पर रहे भारत ने फाइनल में अच्छी शुरुआत की. भारत ने दायें छोर से कुछ अच्छे मूव बनाए जबकि कोरिया ने पलटवार करते हुए भारतीय डिफेंस को दबाव में डालने को तरजीह दी. भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने 21वें मिनट में कोरिया के दो हमलों को नाकाम किया.

भारत को पहले पेनल्टी कार्नर के जरिए गोल करने का मौका मिला लेकिन वीआर रघुनाथ के ड्रैग फ्लिक को कोरिया के डिफेंडर ने रोक दिया. नितिन थिमैय्या भी इसके बाद 26वें मिनट में काफी करीब से गोल करने में नाकाम रहे. कोरिया को इसके बाद मैच का अपना पहला पेनल्टी कार्नर मिला और टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल दागने वाले जोंग ह्युन ने कोई गलती नही करते हुए अपनी टीम को बढ़त दिला दी. एक मिनट बाद ह्यो सिक ने नैम ह्युन के पास पर गोल दागकर कोरिया को 2 . 0 से आगे कर दिया.

मध्यांतर तक यही स्कोर रहा. दूसरे हाफ में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. टीम ने 48वें मिनट में अपने दूसरे पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला कोरिया की बढ़त को कम किया. गोल रुपिंदर ने किया. निकिन ने इसके बाद मनप्रीत सिंह के पास पर गोल दागकर भारत को 54वें मिनट में बराबरी दिला दी.

कोरिया ने हालांकि तीन मिनट बाद ही दोबारा बढ़त हासिल कर ली. भारतीय डिफेंडर के नैम ह्युन की ड्रैग फ्लिक को शरीर से रोकने पर कोरिया को पेनल्टी स्ट्रोक मिला और इस स्टार खिलाड़ी ने इसे गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की.भारत को मैच समाप्त होने से सात मिनट पहले बराबरी हासिल करने का मौका मिला लेकिन रमदीप सिंह ने गेंद को बाहर मार दिया. टीम ने हालांकि कोरिया पर दबाव बनाए रखा और 64वें मिनट में बीरेंद्र लाकड़ा के क्रास पर युवा स्ट्राकर मनदीप ने भारत को बराबरी दिला दी. भारत को हालांकि मैच समाप्त होने से दो मिनट पहले धर्मवीर सिंह और रुपिंदर के खराब डिफेंस का खामियाजा भुगतना पड़ा जिससे कोरिया को तीसरा पेनल्टी कार्नर मिला. कैंग मून ने इसे गोल में बदलने हुए भारत की उम्मीद तोड़ दी.भारत के पीआर श्रीजेश को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर जबकि वीआर रघुनाथ को सबसे असाधारण खिलाड़ी चुना गया.

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