नयी दिल्ली : चार बार के एशियाई पदकधारी शिव थापा शनिवार को कजाखस्तान के अस्ताना में प्रेसिडेंट कप मुक्केबाजी टूर्नामेंट के फाइनल में वाकओवर मिलने के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने.
अपने नये भार वर्ग 63 किग्रा (ओलंपिक वर्ग) में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाले थापा को फाइनल में कजाखस्तान के जाकिर सफिउल्लिन से भिड़ना था जो चोट के कारण रिंग में नहीं उतरे. इससे बिना खेले ही थापा विजेता घोषित कर दिये गये.
थापा इससे पहले इस साल एशियाई चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में सफिउल्लिन से हार चुके थे. थापा के स्वर्ण के अलावा महिला मुक्केबाज परवीन (60 किग्रा) ने रजत पदक हासिल किया. उन्हें फाइनल में स्थानीय खिलाड़ी रिम्मा वोलोसेंको से शिकस्त झेलनी पड़ी.
ओलंपिक भार वर्ग में हुए बदलाव से पहले 60 किग्रा वर्ग में खेलने वाले थापा ने अस्ताना से कहा, नये वजन वर्ग में खुद को ढालना आसान रहा. मैंने बहुत अधिक कठिनाई का सामना नहीं किया.
जाहिर है कि 64 किग्रा भार वर्ग के मुक्केबाजों के ताकत को देखते हुए उनका सामना करना मुश्किल था, लेकिन कुछ भी असंभव नहीं. थापा सितंबर में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप के लिए हुए ट्रायल्स में राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मनीष कौशिक से हार के कारण टीम में जगह नहीं बना सके थे.
भारत के दो अन्य मुक्केबाज दुर्योधन सिंह नेगी (69 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारने के कारण कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल (52 किग्रा) हालांकि क्वार्टर फाइनल में हारने के कारण बिना पदक के ही बाहर हो गये.