Mirabai Chanu wins Gold in Commonwealth Championship: एक साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी करने वाली मीराबाई चानू ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता. सोमवार को अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में नया रिकॉर्ड बनाकर मीरा ने तहलका मचाया. टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई ने महिलाओं के 48 किग्रा वजन वर्ग में कुल 193 किग्रा (स्नैच में 84 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा) वजन उठाकर राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में कुल, स्नैच और क्लीन एंड जर्क के रिकॉर्ड तोड़कर पहला स्थान हासिल किया. कुल वजन में उन्होंने पिछले रिकॉर्ड से 14 किग्रा अधिक भार उठाया. 2024 पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार प्रतिस्पर्धा करते हुए चानू ने शीर्ष स्थान हासिल किया और 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स (ग्लासगो) के लिए सीधी क्वालिफिकेशन भी पक्की कर ली.
चानू ने इस जीत को “लगातार कड़ी मेहनत का नतीजा” बताया. अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा, “अहमदाबाद में स्वर्ण पदक जीतकर मैं बेहद खुश हूं. पेरिस ओलंपिक के बाद घरेलू मैदान पर प्रतिस्पर्धा करना मेरे लिए बेहद खास पल था. दर्शकों का समर्थन मुझे गजब की प्रेरणा देता रहा. यह जीत लगातार मेहनत, कोच की गाइडेंस और देश से मिले प्रोत्साहन का नतीजा है. यह वर्ल्ड चैंपियनशिप (अक्टूबर) की तैयारी में बड़ा आत्मविश्वास देगा और मैं आगे भी पूरी कोशिश करूंगी कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्व महसूस कराऊं.”
शुरुआत में लड़खड़ाईं फिर, लय में आईं चानू
महिला 48 किग्रा वर्ग में चानू स्नैच में 84 किग्रा के अपने पहले प्रयास में वह लड़खड़ा गईं. उनके दाहिने घुटने में तकलीफ दिखाई दी, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने उतना ही वजन उठाया. अपने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ स्नैच (84 किग्रा) सफलतापूर्वक पूरा किया. तीसरे प्रयास में 87 किग्रा उठाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकीं. क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले 105 किग्रा और फिर दूसरे प्रयास में 109 किग्रा उठाया. हालांकि 113 किग्रा का अंतिम प्रयास असफल रहा, लेकिन उनका कुल स्कोर स्वर्ण जीतने के लिए पर्याप्त था.
IWF के बदलाव के बाद इस कैटेगरी में आईं मीराबाई
कोई वास्तविक प्रतिस्पर्धा न होने के कारण मीराबाई असल में खुद से ही मुकाबला कर रही थीं. अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) द्वारा वेट कैटेगरी में बदलाव और 49 किग्रा वर्ग को हटाए जाने के बाद अब चानू 48 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. मीराबाई ने इस तरह से 48 किग्रा में सफल वापसी की. उन्होंने इसी वजन वर्ग में अपना विश्व चैम्पियनशिप खिताब और राष्ट्रमंडल खेलों में दो पदक जीते लेकिन 2018 के बाद वह 49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश कर रही थी. इसी प्रतियोगिता में पोडियम पर भारत की सुनील दलवी 177 किग्रा (76 स्नैच + 101 क्लीन एंड जर्क) उठाकर दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि नाइजीरिया की रूथ असूक्वो न्यॉन्ग ने 167 किग्रा (72 + 95) उठाकर कांस्य पदक जीता.
पेरिस ओलंपिक खाली रहे थे हाथ
मीरा ने पिछले साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार किसी प्रतियोगिता में भाग लिया. पेरिस ओलंपिक में वह चौथे स्थान पर रही थी. चोटिल होने के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद इस 37 वर्षीय खिलाड़ी को लय हासिल करने में समय लगा. 2024 पेरिस ओलंपिक में चानू ने 49 किग्रा वर्ग में 199 किग्रा (88 स्नैच + 111 क्लीन एंड जर्क) वजन उठाया था, लेकिन पदक नहीं जीत सकीं. उन्होंने इससे पहले 2020 टोक्यो ओलंपिक में 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था.
अन्य मुकाबलों में जीते भारतीय
राष्ट्रीय खेलों के चैंपियन ऋषिकांत सिंह ने पुरुषों के 60 किग्रा वर्ग में 271 किग्रा (120 किग्रा + 151 किग्रा) के कुल प्रयास के साथ दिन का दूसरा स्वर्ण पदक जीता. वहीं सौम्या दलवी ने जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.
ये भी पढ़ें:-
प्यार मिलता…, अवनीत कौर ने तोड़ी चुप्पी, विराट कोहली के फोटो लाइक वाले किस्से पर कही ये बात

