नेपाल (Nepal) की राजनीतिक और प्रशासनिक उथल-पुथल ने महिलाओं की ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप (Women’s Blind T20 World Cup) क्रिकेट की तैयारियों को झटका दे दिया है. 11 से 25 नवंबर तक भारत में होने वाले इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट के लिए काठमांडू को पाकिस्तान के मैचों के लिए न्यूट्रल वेन्यू चुना गया था, लेकिन अब वहां की अस्थिर स्थिति के चलते इसे हटा दिया गया है. आयोजकों के सामने अब नई चुनौती है जल्द से जल्द ऐसा वैकल्पिक स्थान तय करना जो सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से उपयुक्त हो. टूर्नामेंट में सात टीमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अमेरिका शिरकत करेंगी. पहली बार महिलाओं के लिए ब्लाइंड क्रिकेट का विश्वस्तरीय आयोजन होने जा रहा है, जो खेल में समावेशिता और वैश्विक पहुंच को नई पहचान देगा. (Nepal lost the matches of Women’s Blind T20 World Cup).
नेपाल की अस्थिरता से टूटा भरोसा
महिलाओं के पहले ब्लाइंड टी20 विश्व कप क्रिकेट की मेजबानी की तैयारियां अंतिम चरण में थीं, लेकिन नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता ने आयोजकों की योजनाओं पर पानी फेर दिया. काठमांडू को पाकिस्तान के मैचों के लिए न्यूट्रल वेन्यू के तौर पर चुना गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंधों के चलते दोनों देशों की टीमें एक-दूसरे के खिलाफ सीधे भारत में मुकाबला नहीं खेल सकतीं. यही वजह थी कि काठमांडू एक तटस्थ और भौगोलिक रूप से उपयुक्त विकल्प माना गया. लेकिन नेपाल में हाल की प्रशासनिक और सुरक्षा चुनौतियों के कारण आयोजकों ने वहां से हाथ खींचने का फैसला लिया.
नई जगह की तलाश में आयोजक
काठमांडू के बाहर होने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती है एक नया वेन्यू ढूंढना. ब्लाइंड क्रिकेट काउंसिल के अनुसार, पाकिस्तान के मैचों के लिए दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के कुछ देशों पर विचार किया जा रहा है. इसमें दुबई और दोहा जैसे शहर भी संभावित विकल्प माने जा रहे हैं, क्योंकि ये जगहें न केवल अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिहाज से सुरक्षित हैं, बल्कि यहां खेल सुविधाएं और ब्लाइंड क्रिकेट के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं भी आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं. आयोजक यह भी देख रहे हैं कि नई जगह दर्शकों और खिलाड़ियों के लिए पहुंच में आसान हो, ताकि टूर्नामेंट की भावना और उत्साह बरकरार रहे.
भारत बनेगा मुख्य मंच
भले ही काठमांडू आयोजन से बाहर हो गया हो, लेकिन टूर्नामेंट की मुख्य संरचना जस की तस है. टूर्नामेंट 11 नवंबर से 25 नवंबर तक चलेगा. दिल्ली और बेंगलुरु को केंद्रीय आयोजन स्थल बनाया गया है, जहां लीग और नॉकआउट मैच खेले जाएंगे. यहां खिलाड़ियों के ठहरने, सुरक्षा और सुविधाओं की पूरी तैयारी की जा चुकी है. आयोजकों का मानना है कि भारत का मेजबान बनना अपने आप में इस टूर्नामेंट की प्रतिष्ठा को और ऊंचा करेगा, क्योंकि भारत में ब्लाइंड क्रिकेट का मजबूत ढांचा और व्यापक फैनबेस मौजूद है.
ऐतिहासिक आयोजन की ओर कदम
महिलाओं के लिए ब्लाइंड क्रिकेट का यह पहला वर्ल्ड कप है और इसमें सात टीमें हिस्सा लेंगी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अमेरिका. इतने विविध महाद्वीपों से टीमों का आना इस खेल की बढ़ती वैश्विक पहचान का सबूत है. यह आयोजन केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समावेशिता और अवसरों की समानता का प्रतीक भी है. लंबे समय से महिला ब्लाइंड क्रिकेट खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच देने की मांग उठ रही थी. अब यह टूर्नामेंट उन सभी खिलाड़ियों के लिए ऐतिहासिक पल होगा, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद क्रिकेट को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाया है.
ये भी पढ़ें-
खेत में काम करने वाले मजदूरों ने क्रिकेट सिखाया… शुभमन गिल ने किया करियर का अनोखा खुलासा
Asia Cup में IND vs PAK के 6 कांटेदार मुकाबले, विराट का 183-हरभजन का छक्का और अफरीदी का दिया दर्द
जब से पैदा हुए हैं तब से… नहीं सुधर रहे शाहिद अफरीदी, भारत-पाक मैच से पहले फिर उगला जहर

