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IPL 2025 के रोबोट डॉगी ‘चंपक’ पर हुआ मुकदमा, मुश्किल में BCCI; हाई कोर्ट पहुंचा मामला

IPL 2025: बीसीसीआई एक बड़ी मुश्किल में फंस गया है. आईपीएल 2025 में रोबोट डॉग का नाम चंपक रखने पर इस संस्था पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. बच्चों की कॉमिक बुक चंपक के प्रकाशकों ने बीसीसीआई पर मुकदमा दर्ज कराया है. प्रकाशकों ने बीसीसीआई से 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले पर बीसीसीआई से 9 जुलाई तक जवाब मांगा है.

IPL 2025: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) में इस्तेमाल होने वाले रोबोट डॉग का नाम ‘चंपक’ रखने के बाद बीसीसीआई पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रसिद्ध बच्चों की कॉमिक बुक चंपक (Champak) के प्रकाशकों द्वारा दायर याचिका पर बीसीसीआई से जवाब मांगा है, जिसमें आईपीएल द्वारा अपने एआई-संचालित रोबोट डॉग का नाम ‘चंपक’ रखने पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि चंपक ब्रांड नाम अनंत काल से अस्तित्व में है और उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से चार सप्ताह के भीतर याचिका के जवाब में लिखित बयान दाखिल करने को कहा. न्यायालय ने सुनवाई 9 जुलाई को तय की है.

20 अप्रैल को आईपीएल में पेश किया गया ‘चंपक’

वादी के वकील ने यह भी प्रार्थना की कि प्रतिवादियों को उस चिह्न का उपयोग न करने का निर्देश देकर उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाए. हालांकि, अदालत ने इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया. दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि वह 1968 से चंपक पत्रिका का प्रकाशन कर रहा है. आईपीएल का 18वां सत्र अभी चल रहा है और 25 मई 2025 को समाप्त होगा. एक मैच के दौरान बीसीसीआई और आईपीएल ने 20 अप्रैल को एआई-जनरेटेड रोबोट डॉग को पेश किया, जिसका नाम ‘चंपक’ रखा गया.

प्रकाशक ने कहा- उनके ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया गया

प्रकाशक की ओर से अधिवक्ता अमित गुप्ता ने कहा कि रोबोट कुत्ते का नाम ‘चंपक’ रखना उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन है और साथ ही इसका व्यावसायिक दोहन भी है, क्योंकि चंपक एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क है. उन्होंने कहा कि आईपीएल मैचों के दौरान मनोरंजन के लिए ‘चंपक’ (रोबोटिक डॉग) का प्रसारण किया गया, जिससे वादी को अपूरणीय क्षति हुई, क्योंकि इससे उसके सुस्थापित ब्रांड को नुकसान पहुंचा, उसकी साख पर आंच आई और वह अनुचित रूप से समृद्ध हुआ. आईपीएल मैचों का प्रसारण देश भर में 20 करोड़ से अधिक दर्शकों के लिए किया जाता है.

वर्षो में बनाई गई सार्वजनिक धारणा को नुकसान पहुंचा है

याचिका में कहा गया है, ‘इससे छवि को कमजोर करने के साथ ही दशकों से वादी द्वारा कड़ी मेहनत से बनाई गई विशिष्टता और सकारात्मक सार्वजनिक धारणा को नुकसान पहुंचा है.’ बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जे साई दीपक ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चंपक एक फूल का नाम है और लोग रोबोट चंपक को पत्रिका से नहीं बल्कि टीवी सीरीज के एक पात्र से जोड़ रहे हैं. अधिवक्ता मानसी कुकरेजा, क्षितिज वैभव और मुस्कान नागपाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली का उपनाम चीकू है और एक साक्षात्कार में उन्होंने स्वयं बताया था कि उनका उपनाम चंपक पत्रिका में छपने वाले एक चरित्र के आधार पर रखा गया था.

कोहली का घर का नाम ‘चीकू’

इसमें कहा गया है, ‘सभी विधाओं के लोग चंपक शब्द की पहचान विशेष रूप से वादी और उसकी पत्रिकाओं तथा उन पशु पात्रों से करते हैं, जो पत्रिका का केंद्र बिंदु होते हैं. यह दोहराया जाता है कि विराट कोहली का उपनाम, जो कि चीकू है, भी वादी की पत्रिका के पात्र चंपक पर आधारित है.’ इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि प्रकाशक ने कोहली के खिलाफ उनके उपनाम के कारण कार्यवाही करने का निर्णय नहीं लिया, जो चंपक पत्रिका के एक पात्र के नाम जैसा है. न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, ‘आपको इसके बारे में कब पता चला? यह चंपक का एक पात्र है. लेकिन आपने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, आपने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की.’

वादी ने बीसीसीआई पर ठोका 2 करोड़ का दावा

इस पर वकील ने कहा कि कॉमिक बुक या किसी टीवी सीरीज या फिल्म के किसी विशेष पात्र के आधार पर लोग आमतौर पर अपने प्रियजनों को उपनाम देते हैं. गुप्ता ने कहा, ‘आज मेरा मुद्दा चंपक शब्द के प्रयोग को लेकर है, जो मेरा पंजीकृत ट्रेडमार्क है.’ जब अदालत ने पूछा कि उल्लंघन किस प्रकार किया गया, तो वादी के वकील ने कहा कि आईपीएल एक वाणिज्यिक उद्यम है जिसमें ‘विज्ञापन, विपणन और कमाई’ शामिल है. याचिका में कहा गया है कि रोबोट कुत्ते का नामकरण सोशल मीडिया पर एक कथित जनमत सर्वेक्षण के बाद किया गया था, जिसमें वादी के ब्रांड की मौजूदा साख और मान्यता के कारण चंपक नाम को भारी समर्थन मिला था. प्रकाशक ने अदालत से बीसीसीआई और आईपीएल को अपने ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने से रोकने का आग्रह किया और अपने ट्रेडमार्क को हुई ‘विशिष्टता, साख, प्रतिष्ठा, कमजोर पड़ने और नुकसान’ के लिए 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की.

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AmleshNandan Sinha
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अमलेश नंदन सिन्हा प्रभात खबर डिजिटल में वरिष्ठ खेल पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद से इन्होंने कई समाचार पत्रों के साथ काम किया. इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत रांची एक्सप्रेस से की, जो अपने समय में झारखंड के विश्वसनीय अखबारों में से एक था. एक दशक से ज्यादा समय से ये डिजिटल के लिए काम कर रहे हैं. खेल की खबरों के अलावा, समसामयिक विषयों के बारे में भी लिखने में रुचि रखते हैं. विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के बारे में देखना, पढ़ना और नई जानकारियां प्राप्त करना इन्हें पसंद है.

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