नयी दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच इस समय टी-20 श्रृंखला खेली जा रही है. श्रृंखला में दोनों टीमें एक-एक की बराबरी पर हैं. भारतीय टीम विराट कोहली की अगुआई में शानदार प्रदर्शन कर रही है. महेंद्र सिंह धौनी के अचानक वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने के फैसले के बाद कोहली को तीनों […]
नयी दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच इस समय टी-20 श्रृंखला खेली जा रही है. श्रृंखला में दोनों टीमें एक-एक की बराबरी पर हैं. भारतीय टीम विराट कोहली की अगुआई में शानदार प्रदर्शन कर रही है. महेंद्र सिंह धौनी के अचानक वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने के फैसले के बाद कोहली को तीनों प्रारूप का कप्तान बनाया गया.
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला को 4-0 से जीतकर कोहली ने तहलका मचा दिया और वनडे श्रृंखला में भी कब्जा जमाया. लेकिन टी-20 में कोहली को इंग्लैंड से जोरदार टक्कर मिल रही है. पहले कानपुर के ग्रीन पार्क में इंग्लैंड की टीम ने भारत को 7 विकेट से हरा दिया था और श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली थी. लेकिन पिछले मैच में बुमराह के चमत्कार के कारण भारतीय टीम श्रृंखला बराबर करने में कामयाब रही.
नागपुर में खेले गये दूसरे टी-20 मैच में भी भारतीय टीम हारते-हारते जीती. भारतीय टीम को आखिरी ओवर में बुमराह की घातक गेंदबाजी के दम पर जीत मिली. इस मैच में आखिरी गेंद तक रोमांच बना हुआ था. इंग्लैंड लगभग मैच जीत चुकी थी, लेकिन भाग्य ने भारत का साथ दिया.
इंग्लैंड की ओर से रूट और बटलर पिच पर जिस समय जमे हुए थे कप्तान विराट कोहली के चेहरे का रंगत देखने लायक था. उनमें घबराहट साफ झलक रही थी. ऐसे समय में धौनी और कोहली के बीच का फर्क साफ दिख रहा था. धौनी की कप्तानी और अन्य की कप्तानी में यही फर्क रहा है. धौनी सभी परिस्थितियों में एक जैसा नजर आते थे. तभी तो उन्हें कैप्टन कूल के रूप में याद किया जाता है.
बहरहाल जब बटलर और रूट की जोड़ी मैदान पर जमी हुई थी और इंग्लैंड को आंतिम 12 गेंद में मात्र 24 रन चाहिए थे. कोहली ने नेहरा को 19वें ओवर फेंकने के लिए गेंद सौंपी, लेकिन इस ओवर में नेहरा की जमकर धुनाई हुई और बटलर ने इस ओवर में नेहरा को एक चौका और एक छक्का जमा दिया और जीत के अंतर को और छोटा कर दिया. अब आखिरी ओवर में इंग्लैंड को मात्र 8 रन चाहिए थे. अब भी बटलर और रूट पिच पर जमे हुए थे.
कोहली काफी परेशान थे उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करें. लेकिन उस समय उन्हें धौनी का साथ मिला. धौनी ने उन्हें अपने अनुसार फिल्डिंग सजाने का सुझाव दिया, बल्कि उस समय धौनी ने ही टीम की कमान संभाल ली और फिल्डिंग सजाने लगे. आखिरी ओवर में गेंद बुमराह के हाथों में था और इस ओवर में जो हुआ सबने देखा. भारत ने इंग्लैंड से नागपुर का मैच 5 रन से जीत लिया. इस मैच में धौनी ने कोहली की बड़ी मदद की.
हालांकि धौनी ने कप्तानी छोड़ते समय यह साफ कर दिया था कि वो मैदान पर भले ही कप्तान नहीं रहेंगे, लेकिन वो कोहली के मेंटर के रूप में हमेशा काम करते रहेंगे. इससे पहले पुणे वनडे में तो धौनी ये भूल गये थे कि वो कप्तान नहीं रहे और उन्होंने कोहली के देर करने पर खुद ही रिव्यू मांग लिया था, लेकिन बाद में उन्हें जब याद आया कि वो कप्तान नहीं हैं तो फिर उन्होंने कोहली की ओर रिव्यू की मांग के लिए इशारा कर दिया. धौनी के इस फैसले से भारत को लाभ भी हुआ.
धौनी भले ही आज कप्तान नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा कोहली का साये की तरह साथ दे रहे हैं. उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ रहे हैं. अभ्यास के दौरान भी धौनी ने कोहली की अनुपस्थित में टीम की कमान अपने हाथ में ले लिया था.