दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिसको आईसीसी ने गेंद से छेड़छाड़ का दोषी पाया है, हालांकि उन्हें प्रतिबंध की सजा नहीं मिली इसलिए वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होनेवाले तीसरे टेस्ट में खेलेंगे. लेकिन उन्हें अपनी पूरी मैचफीस फाइन के रूप में देनी होगी. इधर कल भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली पर भी गेंद के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है. हालांकि ब्रिटेन की मीडिया में प्रकाशित इस खबर पर आईसीसी ने कार्रवाई करने से मना कर दिया है, लेकिन क्रिकेट में गेंद के साथ छेड़वाड़ का मामला कोई नया नहीं है, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं. आइए जानें गेंद के साथ छेड़छाड़ की प्रमुख घटनाओं को :-
सचिन तेंदुलकर : वर्ष 2001 में जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गयी थी उस वक्त सचिन पर गेंद के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप मैच रेफरी माइक डेनिस ने लगाया था. हालांकि सचिन का कहना था कि वे केवल गीली गेंद से गंदगी बाहर कर रहे थे. डेनिस ने सचिन पर मैच का प्रतिबंध भी लगा दिया था. जिसे जांच के बाद आईसीसी ने हटा लिया था.
राहुल द्रविड़ : वर्ष 2005 में राहुल द्रविड़ पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप तब लगा था, जब भारतीय टीम जिम्बाब्वे गयी थी. द्रविड़ पर मैच फीस का 75 प्रतिशत फाइन लगाया गया था. आरोप था कि द्रविड़ ने गेंद पर आधी खाई हुई टॉफी लगायी.
वकार युनूस : पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार युनूस पर भी गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगा है. वर्ष 2000 में जब पाकिस्तान की टीम श्रीलंका के दौरे पर थी उस वक्त वकार पर यह आरोप लगा था कि बोतल के ढक्कन से बॉल को कुरेद रहे थे. वकार युनूस पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनपर गेंद से छेड़छाड़ के मामले में फाइन लगा था. हालांकि पाकिस्तान वो देश है जहां के खिलाड़ियों पर सबसे ज्यादा गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगा है. वकार पर एक मैच का प्रतिबंध लगा था और मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी.
शोएब अख्तर : रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से प्रसिद्ध शोएब पर गेंद से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगे. उनपर गेंद पर कट लगाने का आरोप लगा, जो सही पाया गया.