नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज राज्य क्रिकेट संघों द्वारा भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृखला के आयोजन को लेकर उत्पन्न की गयी बाधाओं को हटाते हुए बीसीसीआई को कल से शुरू होने वाले पहले मैच के लिये 58.66 लाख रुपये खर्चा करने की अनुमति दे दी और साथ ही चेताया भी कि इस राशि का कोई भी हिस्सा मेजबान सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को नहीं दिया जायेगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से अनिश्चितता के बादल हटाये
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज राज्य क्रिकेट संघों द्वारा भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृखला के आयोजन को लेकर उत्पन्न की गयी बाधाओं को हटाते हुए बीसीसीआई को कल से शुरू होने वाले पहले मैच के लिये 58.66 लाख रुपये खर्चा करने की अनुमति दे दी और साथ ही चेताया भी कि इस राशि का कोई […]
शीर्ष अदालत ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्य के आकलन के लिये और अधिकार देते हुए 2017 में घरेलू, अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों के आयोजन के लिये कंपनियों के साथ हुए सैकड़ों अनुंबधों की जांच की भी अनुमति दी. इसने कहा कि पहले मैच के लिये की गयी व्यवस्था तीन दिसंबर तक आयोजित किये जाने वाले टेस्ट मैचों तक जारी रहेगी जबकि वह इस मामले की सुनवाई करेगा जो पहले से ही तय है.
प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की पीठ की अध्यक्षता ने बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के सहित उसके शीर्ष अधिकारियों द्वारा पैनल के साथ संवाद में लोढ़ा पैनल के खिलाफ की जाने वाली भाषा का भी कड़ा संज्ञान लिया. लोढ़ा समिति के सचिव और वकील गोपाल शंकर नारायण ने शिकायत की कि उनके द्वारा पैनल के लिये शब्दों के इस्तेमाल और जारी बयान ‘निरंतर अपमान’ करने के समान हैं जिसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं.
पीठ में न्यायाधीश ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूढ भी शामिल थे, जिन्होंने बीसीसीआई का पक्ष पेश करने वाले सीनियर वकील कपिल सिब्बल का ध्यान बोर्ड के सचिव के पत्र के कुछ वाक्यों पर भी आकर्षित कराया और कहा ‘‘देखिये शिर्के ने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया” है.
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