कोलकाता :पूर्व प्रतिद्वंद्वियों एन श्रीनिवासन और शरद पवार से लेकर बीसीसीआई के मौजूदा आलाधिकारियों सहित भारतीय क्रिकेट जगत ने आज जगमोहन डालमिया को भावनात्मक विदाई दी जिनका पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
इस 75 बरस के करिश्माई क्रिकेट प्रशासक का दिल का दौरा पडने के बाद कल रात आठ बजकर 45 मिनट पर बीएम बिडला हर्ट रिसर्च सेंटर में निधन हो गया था. उन्हें गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
डालमिया की निधन की खबर से पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड गई और खेल को लोकप्रिय बनाने और इसमें पैसा लाने वाले व्यक्ति को श्रद्धांजलि दी गई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डालमिया का अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की.
बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर, आईसीसी चेयरमैन श्रीनिवासन, आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला के अलावा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार और शशांक मनोहर सहित भारत के शीर्ष क्रिकेट प्रशासक यहां ईडन गार्डन्स में उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। ईडन गार्डन्स में उनके पार्थिव शरीर को दो घंटे से अधिक समय तक रखा गया. मुख्यमंत्री दोपहर लगभग तीन बजे पहुंची क्योंकि इसी समय उन्हें राजकीय सम्मान दिया गया और कोलकाता पुलिस के दस अधिकारियों इसके बाद तीन राउंड फायरिंग करके उन्हें ‘गन सैल्यूट’ दिया.
एक सीनियर अधिकारी ने ‘डालमिया अमर रहे’ के नारे लगाते हुए राष्ट्रीय ध्वज को उनके पार्थिव शरीर पर रखा जिसके बाद केवडातला शमशानगृह की उनकी अंतिम यात्रा शुरु हुई. ममता, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के अलावा राज्य के मंत्री और बंगाल क्रिकेट संघ के अन्य अधिकारियों ने शमशानगृह जाकर डालमिया को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शहर में हर तरफ गम का माहौल था. डालमिया के बेटे और बेटी ने शाम चार बजे उनके अंतिम संस्कार की विधि पूरी की.
भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक रवि शास्त्री, बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और सीएओ रत्नाकर शेट्टी उन्हें श्रृद्धांजलि देने पहुंचे थे. डालमिया का पार्थिव शरीर दोपहर 12.50 बजे ईडन गार्डंस स्थित कैब कार्यालय लाया गया जहां मशहूर मीडिया हस्ती सुभाष चंद्रा समेत कई लोग उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित करने के लिये मौजूद थे. ठाकुर ने श्रृद्धांजलि देने के बाद कहा ,‘‘ वह असली खेल प्रशासक थे जिनसे भारत और विदेश में सभी प्यार करते थे. वह महान खेल प्रशासक थे और क्रिकेट में सुधार लाने के लिये उन्हें याद रखा जायेगा.’
चंद्रा ने कहा ,‘‘ उन्होंने भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट को लोकप्रिय बनाया. उनके नहीं रहने से खेल को काफी नुकसान हुआ है. वह सिर्फ भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में पैसा लेकर आये. आईसीसी के पास एक समय 1000 डालर भी नहीं थे लेकिन जब वह गए तो अरबों डालर आईसीसी के पास था.’ उनके पार्थिव शरीर को कुछ घंटे कैब कार्यालय में रखा जायेगा और दोपहर तीन बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. बीसीसीआई के कई अन्य अधिकारी भी यहां पहुंच रहे हैं.