नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह अमेरिकी ओपन फाइनल में स्पेन के शीर्ष खिलाड़ी राफेल नडाल से हारने के बाद रूसी टेनिस खिलाड़ी डेनिल मेदवेदेव की विनम्रता से काफी प्रभावित हुए.
मेदवेदेव की मैच के बाद प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रूसी खिलाड़ी ने अपनी सरलता और परिपक्वता से उनका दिल जीत लिया. मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, अमेरिकी ओपन में जीत के जितने चर्चे थे, उतने ही उप विजेता डेनिल मेदवेदेव की स्पीच के थे.
सोशल मीडिया पर काफी चल रहा था और फिर मैंने भी उनकी स्पीच सुनी और मैच देखा. 23 साल के मेदवेदेव की सरलता और परिपक्वता हर किसी को प्रभावित करने वाली थी. मैं तो जरूर प्रभावित हुआ. इस स्पीच से बस थोड़ी देर पहले वह 19 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता और महान टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल से फाइनल में हार गये थे.
उन्होंने कहा कि फाइनल में हारने के बाद कोई भी खिलाड़ी उदास हो जाता, लेकिन मेदवेदेव इससे हताश नहीं हुए. मोदी ने कहा, इस अवसर पर कोई और होता तो वह उदास और निराश हो गया होता, लेकिन उनका चेहरा मुरझाया नहीं बल्कि उन्होंने अपनी बातों से सबके चेहरे पर मुस्कान ला दी. उनकी विनम्रता, सरलता और सही मायने में ‘खेल भावना’ का जो रूप देखने को मिला, हर कोई कायल हो गया.
नडाल ने इस महीने के शुरू में अमेरिकी ओपन फाइनल में मेदवेदेव को 7-5 6-3 5-7 4-6 6-4 से हराया था. मोदी ने उनकी खेल भावना की तारीफ करते हुए कहा, उनकी बातों का वहां मौजूद दर्शकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. डेनिल ने चैम्पियन नडाल की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि किस प्रकार नडाल ने लाखों युवाओं को टेनिस के लिये प्रेरित किया है.
साथ ही यह भी कहा कि उनके साथ खेलना कितना मुश्किल था. कड़ी टक्कर में हार के बाद भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी नडाल की तारीफ कर खेल भावना का जीता जागता सबूत दे दिया. उन्होंने कहा, हालांकि दूसरी तरफ चैम्पियन नडाल ने भी डेनिल के खेल की जमकर सराहना की. एक ही मैच में हारने वाले का जोश और जीतने वाली विनम्रता दोनों देखने लायक थी.
यदि आपने डेनिल की स्पीच नहीं सुनी है तो आप सभी से, विशेष रूप से युवाओं से कहूंगा की उनके इस वीडियो को जरूर देखें। इसमें हर वर्ग, हर उम्र के लोगों के लिये सीखने के लिये बहुत कुछ है. ये वे क्षण होते हैं जो हार जीत से बहुत परे होते है. हार जीत कोई मायने नहीं रखते हैं जिंदगी जीत जाती है.