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#INDVsNZ : भारत का विश्व कप खिताब का सपना टूटा, न्यूजीलैंड फाइनल में

मैनचेस्टर : रविंद्र जडेजा की आकर्षक पारी के बावजूद भारत को शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण विश्व कप सेमीफाइनल में बुधवार को यहां न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसका क्रिकेट महाकुंभ में सफर भी समाप्त हो गया. भारत के सामने 240 रन का लक्ष्य था, लेकिन शीर्ष […]

मैनचेस्टर : रविंद्र जडेजा की आकर्षक पारी के बावजूद भारत को शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण विश्व कप सेमीफाइनल में बुधवार को यहां न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसका क्रिकेट महाकुंभ में सफर भी समाप्त हो गया.

भारत के सामने 240 रन का लक्ष्य था, लेकिन शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा जडेजा (59 गेंदों पर 74) और महेंद्र सिंह धौनी (72 गेंदों पर 50) ने सातवें विकेट के लिये 116 रन जोड़कर मैच को आखिर तक जीवंत बनाये रखा. भारत ने हालांकि दबाव में आखिरी चार विकेट 13 रन के अंदर गंवा दिये और इस तरह से न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा.

भारत 49.3 ओवर में 221 रन पर सिमटा. न्यूजीलैंड 2015 में भी खिताबी मुकाबले में पहुंचा था जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था. उसे अब 14 जुलाई को होने वाले फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ना होगा.

न्यूजीलैंड की जीत के नायक मैट हेनरी रहे जिन्होंने 37 रन देकर तीन विकेट लिये. ट्रेंट बोल्ट ने 42 रन देकर दो और मिशेल सैंटनर ने 34 रन देकर दो विकेट हासिल किये. भारत ने पहले चार ओवर में ही बेहतरीन फार्म में चल रहे रोहित शर्मा, कप्तान विराट कोहली और केएल राहुल के विकेट गंवा दिये जिससे स्कोर तीन विकेट पर पांच रन हो गया. दिनेश कार्तिक (छह) पर बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने नायक बनने का बेहतरीन मौका गंवा दिया.

कार्तिक के आउट होते ही स्कोर दस ओवर में चार विकेट पर 24 रन हो गया. यह वर्तमान विश्व कप में पहले पावरप्ले में किसी भी टीम का न्यूनतम स्कोर है. न्यूजीलैंड ने इस मैच में एक विकेट पर 27 रन बनाये थे. गेंदबाजों ने शुरू में सीम और स्विंग का बेहतरीन इस्तेमाल करके भारतीयों को परेशानी में डाला.

हेनरी की आउटस्विंगर रोहित के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर टॉम लैथम के दस्तानों में समायी. बोल्ट ने कोहली को पगबाधा आउट किया और डीआरएस भी भारतीय कप्तान के पक्ष में नहीं गया. हेनरी ने अगले ओवर में कोण लेती गेंद पर राहुल को विकेट के पीछे कैच कराया.

कार्तिक ने 21वीं गेंद पर खाता खोला, लेकिन हेनरी की गेंद को कदमों का इस्तेमाल किये बिना खेलना उन्हें भारी पड़ा. जेम्स नीशाम ने प्वाइंट पर डाइव लगाकर उनका बेहतरीन कैच लपका. नीशाम हालांकि ऋषभ का कैच लेने में जल्दबाजी कर गये. तब पंत 18 रन पर थे. पंत हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाये और बचकाना शॉट खेलकर पवेलियन लौटे.

यहां तक कि कोहली भी उनके इस शाट पर बेहद नाराज दिखे जिस पर उन्होंने मिडविकेट पर खड़े कोलिन डि ग्रैंडहोम को कैच का अभ्यास कराया. सैंटनर की पहली चार गेंद चूकने के बाद पांचवीं गेंद को उन्होंने स्वीप किया था. इससे पहले भी पंत दबाव में ऐसे शॉट खेलते रहे हैं जो उनका विश्व कप की शुरुआती टीम से बाहर होने का प्रमुख कारण भी रहा.

धौनी से ऊपर उतारे गये पांड्या ने भी पंत की गलती दोहरायी. वह भी खुद पर संयम नहीं रख पाये. सैंटनर की सीधी गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलना उन्हें महंगा पड़ा जो बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरा गयी और केन विलियमसन ने उसे कैच करने में गलती नहीं की. जडेजा ने 33वें ओवर में नीशाम पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया.

इसके बाद भी उनकी टाइमिंग शानदार थी और उनके निशाने पर सैंटनर ही थे. उन्होंने इसके बाद इस स्पिनर दो और छक्के लगाकर भारतीय दर्शकों में जान भर दी. वह एक छोर से स्कोर बोर्ड को चलायमान रखकर गेंद और रन के बीच का अंतर कम करते रहे. जडेजा के आक्रामक तेवरों के सामने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की लाइन व लेंथ भी गड़बड़ा गयी.

जडेजा ने 39 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया जो विश्व कप नाकआउट मैच में भारत के आठवें नंबर के बल्लेबाज का पहला पचासा है. धौनी ने जडेजा को खुलकर खेलने की छूट दी और दूसरे छोर से क्रीज संभाले रखी. जडेजा ने लॉकी फर्गुसन पर छक्का लगाया. भारत को आखिरी पांच ओवरों में 52 रन की दरकार थी और ऐसे में बोल्ट ने गेंद थामी. जडेजा ने उन पर चौका जमाया.

हेनरी के अगले ओवर में हालांकि पांच रन बने, लेकिन जडेजा ने 48वें ओवर में बोल्ट की गेंद पर लंबा शाट खेलने के प्रयास में मिड आफ पर कैच दे दिया. जडेजा ने अपनी पारी में चार चौके और इतने ही छक्के लगाये. भारत को आखिरी दो ओवरों में 31 रन चाहिए थे.

धौनी ने फर्गुसन की पहली गेंद छक्के के लिये भेजी, लेकिन तेजी से दो रन चुराने के प्रयास में मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गये. विकेटों के बीच सबसे बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धौनी अपने करियर के शुरू में भी रन आउट हुए थे. इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी. इससे पहले न्यूजीलैंड ने कल के स्कोर पांच विकेट पर 211 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी, लेकिन वह बाकी बची 23 गेंदों पर केवल 28 रन बना पाया और इस बीच उसने तीन विकेट गंवाये.

कीवी टीम की तरफ से केवल एक चौका लगा. रिजर्व दिन खेले जा रहे सेमीफाइनल में जडेजा ने डीप मिडविकेट से थ्रो करके रोस टेलर को आउट किया. टेलर ने 90 गेंदों का सामना किया तथा तीन चौके और एक छक्का लगाया. इसके बाद टाम लैथम (10) ने भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर जडेजा को कैच थमाया. भुवनेश्वर ने 43 रन देकर तीन विकेट लिये. हेनरी ने कप्तान विराट कोहली को आसान कैच सौंपा। मैट सेंटनर नौ और बोल्ट तीन रन बनाकर नाबाद रहे.

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