पाल्लेकल : रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद शमी की धारदार गेंदबाजी से भारत ने श्रीलंका को तीसरे और अंतिम टेस्ट में तीसरे ही दिन पारी और 171 रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 3-0 से क्लीनस्वीप किया.
भारत ने विदेशी सरजमीं पर पहली बार तीन या इससे अधिक टेस्ट मैचों की श्रृंखला में क्लीनस्वीप किया है. इससे पहले भारत ने विदेश में सिर्फ एक बार 1967-68 में न्यूजीलैंड की सरजमीं पर किसी श्रृंखला में तीन टेस्ट जीते थे और तब मंसूर अली खान पटौदी की अगुआई वाली भारतीय टीम ने चार मैचों की श्रृंखला 3-1 से अपने नाम की थी.
पहली पारी में 135 रन पर सिमटने के कारण फालोआन खेलने उतरी श्रीलंका की टीम दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाजों की चुनौती का सामना करने में नाकाम रही और अश्विन (68 रन पर चार विकेट) तथा शमी (32 रन पर तीन विकेट) की उम्दा गेंदबाजी के सामने 74.3 ओवर में 181 रन पर ढेर हो गई. उमेश यादव ने 21 रन देकर दो जबकि कुलदीप यादव ने 56 रन देकर एक विकेट चटकाया। भारत ने पहली पारी में 487 रन बनाए थे.
श्रीलंका का कोई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल पाया. टीम की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज निरोशन डिकवेला ने सर्वाधिक 41 रन बनाए जबकि कप्तान दिनेश चांदीमल ने 36 और एंजेलो मैथ्यूज ने 35 रन की पारी खेली. भारत ने गाले में पहला टेस्ट 304 रन और कोलंबो मे दूसरा टेस्ट पारी और 54 रन से जीता था. श्रीलंका ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 19 रन से की.
सुबह के सत्र में तेज गेंदबाज शमी ने तूफानी गेंदबाजी करते हुए दो जबकि अश्विन ने एक विकेट चटकाया. अश्विन ने दिन के तीसरे ही ओवर में सलामी बल्लेबाज दिमुथ करणारत्ने (16) को पवेलियन भेजा. भारतीय ऑफ स्पिनर की अतिरिक्त उछाल लेती गेंद करणारत्ने के ग्लव्स को छूकर स्लिप में खडे अजिंक्य रहाणे के पास गई जिन्होंने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की.
शमी ने इसके बाद पारी के 21वें ओवर में रात्रि प्रहरी मलिंदा पुष्पकुमार (01) को विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के हाथों कैच कराया और फिर अपने अगले ओवर में तेजी से अंदर की ओर स्विंग होती गेंद पर कुसाल मेंडिस (12) को भी पगबाधा आउट किया. सुबह के सत्र में मेजबान टीम ने शुरुआत में 13 रन पर तीन विकेट गंवाए.
चांदीमल और मैथ्यूज ने इसके बाद पारी को संभाला. दोनों ने 26वें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. दोनों ने हालांकि अपनी पिछली रणनीतियों के विपरीत आक्रामक रख नहीं अपनाने का फैसला किया.
उमेश के पारी के 35वें ओवर में मैथ्यूज के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की अपील हुई लेकिन मैदानी अंपायर ने उन्हें नाटआउट दिया. भारत ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन तीसरे अंपायर ने टीवी रीप्ले देखने के बाद मैदानी अंपायर के फैसले को सही करार दिया.
लंच के बाद भी चांदीमल और मैथ्यूज ने रक्षात्मक रवैया बरकरार रखा. मैथ्यूज ने कुलदीप यादव पर सीधा छक्का जड़ा लेकिन बायें हाथ के इस चाइनामैन स्पिनर ने अपने अगले ओवर में चांदीमल को शार्ट लेग पर पुजारा के हाथों कैच करा दिया. कुलदीप की शार्ट गेंद को चांदीमल ने पीछे हटकर लेग साइड में खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर पैड़ से टकराने के बाद सीधे पुजारा के हाथों में चली गई. उन्होंने 89 गेंद की अपनी पारी में चार चौके मारे.
अश्विन ने इसके बाद मैथ्यूज को पगबाधा करके श्रीलंका को छठा झटका दिया. मैथ्यूज ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को सही करार दिया. अश्विन के अगले ओवर में अंपायर ने दिलरवान परेरा को स्लिप में कैच आउट दिया लेकिन इस बल्लेबाज के डीआएस लेने पर तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया. परेरा हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और 23 गेंद में आठ रन बनाने के बाद अश्विन की गेंद को हवा में लहराकर डीप मिडविकेट पर हादर्कि पंड्या को कैच दे बैठे.
डिकवेला और लक्षण सनदाकन (08) ने नौ ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को सफलता से महरुम रखा. दोनों ने कुलदीप पर चौके मारे. डिकवेला ने अश्विन, शमी और उमेश यादव पर भी चौके जड़े. सनदाकन ने शमी पर अपना दूसरा चौका जड़ा लेकिन अगली गेंद पर विकेटकीपर साहा को कैच दे बैठे.
डिकवेला ने उमेश की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर कड़ा प्रहार करने की कोशिश में स्लिप में रहाणे को कैच थमाया. उन्होंने 52 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके जड़े. अश्विन ने इसके बाद लाहिरु कुमारा (10) को बोल्ड करके भारत की जीत की औपचारिकता पूरी की.