मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पिछले दो सप्ताह में वह काफी परिपक्व हुए हैं, जिस दौरान काफी नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें यह पद सौंपा गया था. पद संभालने के बाद पहली प्रेस कांफ्रेंस में भारत के पूर्व टीम निदेशक ने आगे की चुनौतियों के बारे में बात की, जिनमें 26 जुलाई से शुरू हो रहा तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी-20 मैच के लिए श्रीलंका का दौरा शामिल है.
शास्त्री ने श्रीलंका रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा, श्रीलंका के पिछले दौरे से लेकर अब तक मैं काफी परिपक्व हुआ हूं. पिछले दो सप्ताह में मैं काफी परिपक्व हो गया हूं. शास्त्री को वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी पर तरजीह देकर कोच चुना गया था. एक साल पहले उनकी जगह अनिल कुंबले को तरजीह दी गयी थी, लेकिन बाद में कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के चलते कुंबले ने पद छोड़ दिया. शास्त्री ने कहा कि वह बीती बातों को भूल चुके हैं.
उन्होंने कहा, मैं अतीत की बातें लेकर नहीं आया हूं. टीम ने पिछले तीन साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. टीम इसके लिए प्रशंसा की हकदार है. रवि शास्त्री और अनिल कुंबले आते-जाते रहेंगे. यदि भारत आज नंबर एक टेस्ट टीम है, तो इसका श्रेय खिलाड़ियों को जाता है. शास्त्री के पसंदीदा भरत अरुण को मंगलवार को फिर से गेंदबाजी कोच बनाया गया. अरुण के योगदान के बारे में उन्होंने कहा, इसका ट्रैक रिकॉर्ड है. वह 15 साल से कोच है और ए टीमों, अंडर-19 टीमों, जूनियर विश्व कप टीमों के साथ रह चुका है. वह मुझसे ज्यादा खिलाड़ियों को जानता है.
शास्त्री ने कहा, 2015 विश्व कप में हमारे गेंदबाजों ने 80 में से 77 विकेट लिये. मुझे यह बताने की जरूरत नहीं कि उसकी काबिलियत क्या है. सभी ने यह देखा है. उन्होंने कप्तान और सहयोगी स्टाॅफ के बीच संवाद के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, मैं दो भागों में इसका उत्तर दूंगा. एक खिलाड़ी के रूप में और एक पूर्व कप्तान के रूप में. जब आप खेलते हैं, तो आप चाहते हैं कि आपका दिमाग स्पष्ट रहे और यह सहयोगी स्टाॅफ के साथ अच्छे संवाद से आता है. बतौर कप्तान मेरा काम हर खिलाड़ी को यही माहौल देना है. यह मेरा काम है और वह उसका काम है.