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Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम की दारीसाई बस्ती से विलुप्त होने की कगार पर ‘सबर’, 10 साल में 50 की मौत

Jharkhand News: 8-10 साल में करीब 48 से 50 सबरों की मौत बीमारी से हो चुकी है. आठ-दस परिवार में चिराग जलाने वाला नहीं बचा है. बस्ती में कई बिरसा आवास वीरान पड़े हैं. बिरसा आवास जंगलों से घिर गया है.

Jharkhand News: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित दारीसाई सबर बस्ती से सबर जनजाति विलुप्त होने की कगार पर है. कभी यहां 22-23 सबर परिवार निवास करते थे. आज मात्र 10-12 सबर परिवार बचे हैं. कई परिवारों के बेटों ने शादी कर अलग परिवार बना लिया है. मूल परिवार तो मुश्किल से चार-पांच बचे हैं.

  • गालूडीह की दारीसाई बस्ती में पहले रहते थे 22 परिवार, अब 10 बचे

  • लगातार गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं दारीसाई बस्ती के ‘सबर’

  • विलुप्तप्राय जनजाति के लोग भोजन से ज्यादा करते हैं शराब का सेवन

वीरान पड़े हैं बिरसा आवास

सामाजिक कार्यकर्ता मंगल कर्मकार बताते हैं कि 8-10 साल में करीब 48 से 50 सबरों की मौत बीमारी से हो चुकी है. आठ-दस परिवार में चिराग जलाने वाला नहीं बचा है. बस्ती में कई बिरसा आवास वीरान पड़े हैं. बिरसा आवास जंगलों से घिर गया है. घाटशिला प्रखंड के अन्य सबर बस्ती हलुदबनी, केशरपुर, घुटिया, बासाडेरा, कानीमहुली, डायनमारी, धोडांगा, खड़ियाडीह आदि से दारीसाई सबर बस्ती ज्यादा बदहाल है.

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यहां के सबर शराब के आदी हो चुके हैं. सभी को राशन मिलता है. ये भोजन के बजाय शराब का ज्यादा सेवन करते हैं. इससे कारण टीबी, कमजोरी, खून की कमी जैसी बीमारी से ग्रसित होकर समय के पहले काल के गाल में समा जाते हैं. इनकी जिंदगी जंगल से शुरू होकर जंगल में ही खत्म हो जाती है.

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Jharkhand news: पूर्वी सिंहभूम की दारीसाई बस्ती से विलुप्त होने की कगार पर ‘सबर’, 10 साल में 50 की मौत 2
दो दर्जन से अधिक सबरों की हो चुकी है मौत

हाल में माता-पिता लालटू सबर और जोबनी सबर की मौत से बेटी सोमवारी सबर अनाथ हो गयी. ‘प्रभात खबर’ में खबर छपने पर उपायुक्त ने संज्ञान लिया. उसे गोलमुरी आवासीय विद्यालय में भर्ती कराया गया. इस बस्ती के घोना सबर, उसकी पत्नी, भोदोड़ सबर, उसकी पत्नी, ओजन सबर, उसकी पत्नी, खैसा सबर की पत्नी, चेड़े सबर की पत्नी, छुटू सबर, उसकी पत्नी, दो पुत्र, दशरथ सबर, उसकी पत्नी, उसके दो पुत्र, बेटी, मोगली सबर, उसके पति बुका सबर, दो बेटा, बेटी, मालू खड़िया, उसकी पत्नी, खोड़ू सबर, उसकी पत्नी, बेटी, सावित्री सबर, उसके पति समेत अन्य कई सबर मर गये हैं.

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